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आईएमएफ: जून 2025 में यूपीआई ने बनाया तेज भुगतान में भारत को विश्व में अग्रणी
Utkarsh Classes
Updated: 21 Jul 2025
3 Min Read
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ़) की 20 जुलाई, 2025 को जारी "बढ़ते खुदरा डिजिटल भुगतान: अंतर-संचालनीयता का मूल्य" शीर्षक वाली एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत अपनी स्वदेशी रूप से विकसित एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस (यूपीआई) प्रणाली की बदौलत तेज़ भुगतान प्रणालियों में एक वैश्विक नेता के रूप में उभरा है। यूपीआई, भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) द्वारा विकसित एक त्वरित, 24x7 मोबाइल-आधारित भुगतान प्रणाली है।
एनपीसीआई का स्वामित्व बैंकों के एक संघ के पास है, जिसमें भारत में कार्यरत सार्वजनिक क्षेत्र, निजी क्षेत्र और कुछ विदेशी बैंक शामिल हैं।
भारत में दो तेज़ भुगतान प्रणालियाँ हैं: तत्काल भुगतान सेवा (आईएमपीएस) और एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस (यूपीआई)।
इन्हें तेज़ भुगतान इसलिए कहा जाता है क्योंकि इनके ज़रिए धनराशि लगभग तुरंत लाभार्थी के बैंक खाते में धन हस्तांतरण संदेश के साथ स्थानांतरित कर दी जाती है। यह 24x7 और 365 दिन उपलब्ध है।
आईएमपीएस को भारत में नवंबर 2010 में पेश किया गया था।
यूपीआई , आईएमपीएस प्लेटफ़ॉर्म पर आधारित है, जो 2016 में बेहतर सुरक्षा सुविधाओं के साथ लाइव हुआ था।
यूपीआई एक मोबाइल आधारित तेज़ भुगतान प्रणाली है जो व्यक्ति से व्यक्ति (P2P) और व्यक्ति से व्यापारी (P2M) भुगतानों को सपोर्ट करती है।
इसका इस्तेमाल स्मार्टफोन (ऐप आधारित), फीचर फोन (यूएसएसडी आधारित) और व्यापारी के स्थान पर (ऐप आधारित) किया जा सकता है।
यूपीआई को भीम,गूगल पे, पेटीएम आदि ऐप्स के ज़रिए एक्सेस किया जा सकता है।
वर्तमान लेनदेन सीमा एक लाख रुपये प्रतिदिन है, लेकिन कुछ मामलों में लेनदेन की सीएम इससे ज़्यादा है।
उपयोग में आसानी और इसकी मज़बूत सुरक्षा विशेषताओं को देखते हुए, भारत सरकार यूपीआई आधारित भुगतान प्रणाली को निर्यात करने का प्रयास कर रही है।
एनपीसीआई ने 2020 में भारत के बाहर रुपे (घरेलू कार्ड योजना) और यूपीआई (मोबाइल भुगतान समाधान) जैसी स्वदेशी तकनीक को बढ़ावा देने के लिए एक सहायक कंपनी एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (एनआईपीएल) की स्थापना की।
2021 में यूपीआई प्रणाली अपनाने वाला पहला देश भूटान बना और 2022 में नेपाल ने भी ऐसा ही किया।
यूपीआई यूएई, श्रीलंका, फ्रांस, सिंगापुर और मॉरीशस में भी मौजूद है।
प्रधानमंत्री मोदी की नामीबिया यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए जिसके तहत नामीबिया अपनी घरेलू भुगतान सेवाओं के लिए यूपीआई प्रणाली को अपनाएगा।
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