सीखने के लिए तैयार हैं?
अपने शैक्षणिक लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में पहला कदम उठाएँ। चाहे आप परीक्षा की तैयारी कर रहे हों या अपने ज्ञान का विस्तार कर रहे हों, शुरुआत बस एक क्लिक दूर है। आज ही हमसे जुड़ें और अपनी पूरी क्षमता को अनलॉक करें।
832, utkarsh bhawan, near mandap restaurant, 9th chopasani road, jodhpur rajasthan - 342003
support@utkarsh.com
+91-9829213213
सीखने के साधन
Government Exam
Nursing
Agriculture
NEET/JEE
Engineering
© उत्कर्ष क्लासेज एंड एडुटेक प्राइवेट लिमिटेड सभी अधिकार सुरक्षित
होम
अंतरराष्ट्रीय सामयिकी
समझौते और एमओयू
एस जयशंकर ने समुद्री जैव विविधता की रक्षा के लिए अंतर्राष्ट्रीय बीबीएनजे समझौते पर हस्ताक्षर किए
Utkarsh Classes
Updated: 26 Sep 2024
4 Min Read
Table of Content
भारत आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय क्षेत्राधिकार से परे अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता (बीबीएनजे) समझौते ,जिसका उद्देश्य खुले समुद्र में समुद्री जैव विविधता की रक्षा करना है, में शामिल हो गया है।
भारत सरकार की ओर से भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 25 सितंबर 2024 को संयुक्त राज्य अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में स्थित संयुक्त राष्ट्र महासभा में बीबीएनजे समझौते पर हस्ताक्षर किए।
2 जुलाई 2024 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की एक बैठक में बीबीएनजे समझौते को मंजूरी दी थी।
बीबीएनजे समझौते के प्रावधानों को लागू करने वाला नोडल मंत्रालय केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय होगा।
राष्ट्रीय क्षेत्राधिकार से परे जैव विविधता (बीबीएनजे), जिसे 'उच्च समुद्र संधि' के रूप में भी जाना जाता है, संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून सम्मेलन (यूएनसीएलओएस) के तहत संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रायोजित एक अंतरराष्ट्रीय समझौता है।
इस अंतरराष्ट्रीय संधि पर मार्च 2023 में सहमति बनी और सदस्य देशों द्वारा हस्ताक्षर के लिए खोला गया।
सदस्य देशों के पास समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए सितंबर 2025 तक का समय है और इस समझौते पर कम से कम 60 देशों द्वारा पुष्टि होने के बाद ही लागू होगा।
समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन 10 दिसंबर 1982 को अपनाया गया और 16 नवंबर 1994 को लागू हुआ। यह समुद्र में एक तटीय देश द्वारा समुद्री संसाधनों के उपयोग के संबंध में नियम और विनियम निर्धारित करता है।
यह प्रादेशिक जल, विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र और उच्च समुद्र को परिभाषित करता है।
एक तटीय देश का क्षेत्रीय जल देश के महाद्वीपीय शेल्फ से 12 समुद्री मील की दूरी तक निर्धारित किया गया है। इस सीमा के भीतर, देश, सिद्धांत रूप में, किसी भी कानून को लागू करने, किसी भी उपयोग को विनियमित करने और किसी भी संसाधन का दोहन करने के लिए स्वतंत्र हैं। देश को अपने क्षेत्रीय जल से गुजरने वाले अन्य देशों के जहाजों को बे रोक टोक नौ परिवाहन की अनुमति देगा । देश दूसरे देश के नौ परिवाहन को कुछ विशेष परिस्थिति में माना कर सकता है ।
एक तटीय देश के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) को उसके महाद्वीपीय शेल्फ से 200 समुद्री मील तक फैले समुद्र के एक क्षेत्र के रूप में परिभाषित किया गया है। ईईजेड के भीतर, देश को पानी, समुद्र तल और क्षेत्र के उप-मिट्टी में पाए जाने वाले प्राकृतिक समुद्री संसाधनों (तेल और गैस, खनिज, मछली, आदि) का दोहन करने का अधिकार है।
उच्च समुद्र क्षेत्र , समुद्र में स्थित वे जल क्षेत्र जो किसी तटीय देश के क्षेत्रीय जल क्षेत्र और विशेष आर्थिक क्षेत्र से परे हैं। बीबीएनजे समझौता उच्च समुद्र क्षेत्र में देशों के अधिकारों को स्थापित करने का प्रयास करता है ताकि देशों के बीच संघर्ष से बचा जा सके।
महत्वपूर्ण फुल फॉर्म
यूएनसीएलओएस /UNCLOS : यूनाइटेड नेशन्स कन्वेंशन ऑन द लॉं ऑफ सीस (United Nations Convention on the Law of Seas)
टॉप पोस्ट
Frequently asked questions
Still have questions?
Can't find the answer you're looking for? Please contact our friendly team.
अपने नजदीकी सेंटर पर विजिट करें।
Get 5 Questions Daily to boost your exam preparation
Apni selected pariksha se juden exam oriented 5 prashn rozana paayen.