नई दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में इंडो-पैसिफिक आर्मीज़ चीफ्स कॉन्फ्रेंस (आईपीएसीसी) का तीन दिवसीय (25 से 27 सितंबर 2023) आयोजन किया जा रहा है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 26 सितम्बर, 2023 को नई दिल्ली में 13वें हिन्द-प्रशांत सेना प्रमुखों के सम्मलेन (आईपीएसीसी) में उद्धाटन भाषण दिया।
- इस अवसर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे और 35 देशों की सेनाओं के प्रमुख और प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
- राजनाथ सिंह ने कहा कि हिंद-प्रशांत एक महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक क्षेत्र के रूप में विकसित हुआ है। यह क्षेत्र सीमा विवाद और समुद्री डकैती जैसी जटिल सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है।
भारतीय सेना, 13वें आईपीएसीसी के साथ 47वें इंडो-पैसिफिक आर्मीज मैनेजमेंट सेमिनार (आईपीएएमएस) और सीनियर एनलिस्टेड लीडर्स फोरम (एसईएलएफ) की सह-मेजबानी भी कर रही है।
आईपीएसीसी का विषय:
- इस मंच का मुख्य विषय है 'टूगैदर फॉर पीस: सस्टेनिंग पीस एंड स्टेबिलीटी इन द इंडो-पैसेफिक रीजन’।
हिंद-प्रशांत क्षेत्र का महत्व:
- हिंद-प्रशांत क्षेत्र में विश्व के 64 प्रतिशत लोगों का निवास स्थल है।
- यह क्षेत्र सकल घरेलू उत्पाद में 63 प्रतिशत का योगदान देता है।
- यह क्षेत्र कुल वैश्विक व्यापार का 46 प्रतिशत योगदान देता है।
- हिंद-प्रशांत क्षेत्र निर्विवाद रूप से वैश्विक अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका रखता है।
जलवायु परिवर्तन संबंधी चिंताओं पर जोर दिया गया:
- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस आईपीएसीसी सम्मेलन के दौरान हिंद-प्रशांत क्षेत्र के छोटे देशों की जलवायु परिवर्तन संबंधी विषय, जलवायु परिवर्तन के अनुकूल बुनियादी ढांचे की मांग, वैश्विक चुनौतियों का समाधान आदि पर चर्चा किया।
आईपीएसीसी के आयोजक:
- इंडो-पैसिफिक आर्मीज़ चीफ्स कॉन्फ्रेंस (आईपीएसीसी) की शुरुआत 1999 में संयुक्त राज्य अमेरिका की सेना द्वारा आपसी हित साझा करने वाले देशों के सेना प्रमुखों के मध्य आपसी हित के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए की गई थी।
- आईपीएसीसी एक द्विवार्षिक कार्यक्रम है जो संयुक्त राज्य अमेरिका की सेना द्वारा सह-मेजबान देश के साथ आयोजित किया जाता है।
- इस वर्ष, भारतीय सेना आईपीएसीसी का सह-मेजबान है।
आईपीएसीसी के प्रतिभागी देश:
- इस कार्यक्रम में कुल 35 देशों के सेना प्रमुख और प्रतिनिधिमंडल शामिल हुए।
आईपीएसीसी का उद्देश्य:
- कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य बढ़ते चीनी खतरे के विरुद्ध एशिया-प्रशांत क्षेत्र में शांति, समृद्धि और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए एक आम रणनीति विकसित करना है।
- कॉन्फ्रेंस में संकट की स्थितियों में सैन्य कूटनीति की भूमिका, क्षेत्र के सशस्त्र बलों बीच सहयोग बढ़ाने और अंतरसंचालनीयता पर चर्चा की जाएगी।
इंडो-पैसिफिक आर्मीज़ मैनेजमेंट सेमिनार (आईपीएएमएस):
- हर वर्ष यूएस आर्मी पैसिफिक द्वारा एक सह-मेजबान देश के साथ आयोजित किया जाता है। यह क्षेत्र की सेनाओं के सबसे बड़े सम्मेलनों में से एक है।
पृष्ठभूमि:
- भारतीय और अमेरिकी सेना 25 से 27 सितम्बर, 2023 तक नई दिल्ली में 35 देशों की सेनाओं के प्रमुखों और प्रतिनिधियों के तीन दिवसीय सम्मेलन, 13वें आईपीएसीसी, 47वें आईपीएएमएस और 9वें एसईएलएफ की सह-मेजबानी कर रही है।
- यह सम्मेलन मुख्य रूप से हिंद-प्रशांत क्षेत्र के सेना प्रमुखों और थल सेना के वरिष्ठ स्तर के नेताओं को विचारों का आदान-प्रदान करने, सुरक्षा और समसामयिक मुद्दों पर विचार करने का एक अवसर प्रदान करेगा।
- मंच का मुख्य प्रयास तटीय साझेदारों के मध्य आपसी समझ, संवाद और मित्रता के माध्यम से भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देना होगा।
संयुक्त राज्य अमेरिका के रक्षा सचिव: लॉयड ऑस्टिन
परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण फुल फॉर्म:
- आईपीएसीसी: इंडो-पैसिफिक आर्मीज़ चीफ्स कॉन्फ्रेंस
- आईपीएएमएस: इंडो-पैसिफिक आर्मीज़ मैनेजमेंट सेमिनार
- एसईएलएफ: सीनियर एनलिस्टेड लीडर्स फोरम