रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 12 सितंबर 2023 को वर्चुअल रूप से पूर्वी लद्दाख में ‘न्योमा एयरफील्ड’ की आधारशिला रखी। न्योमा एयरफील्ड को 200 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जा रहा है।
न्योमा एयरफील्ड, लद्दाख में हवाई बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देगा और उत्तरी सीमा पर भारतीय वायुसेना की क्षमता को बढ़ाएगा।
- रक्षा मंत्रालय के अनुसार रक्षा मंत्री ने विश्वास जताया कि यह हवाई क्षेत्र, जो दुनिया के सबसे ऊंचे हवाई अड्डों में से एक होगा, सशस्त्र बलों के लिए गेम-चेंजर साबित होगा।
बागडोगरा और बैरकपुर हवाई क्षेत्र राष्ट्र को समर्पित:
- उल्लेखनीय है कि इसी दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पश्चिम बंगाल में पुनर्निर्मित बागडोगरा और बैरकपुर हवाई क्षेत्र 12 सितंबर 2023 को राष्ट्र को समर्पित किए।
- रक्षा मंत्रालय के अनुसार, 500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से पुनर्निर्मित ये हवाई क्षेत्र न केवल भारतीय वायुसेना की तैयारियों को बढ़ाएंगे, बल्कि क्षेत्र में वाणिज्यिक उड़ान संचालन की सुविधा भी प्रदान करेंगे।
2,900 करोड़ रु से अधिक की बीआरओ की 90 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पण:
- इस दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैली 2,900 करोड़ रुपये से अधिक की सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की 90 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया है।
- इनमें अरुणाचल प्रदेश में नेचिपु सुरंग शामिल है;
- पश्चिम बंगाल में दो हवाई क्षेत्र; दो हेलीपैड; 22 सड़कें और 63 पुलों का निर्माण शामिल है।।
90 परियोजनाओं में सर्वाधिक 36 अरुणाचल प्रदेश में:
- इन 90 परियोजनाओं में से अरुणाचल प्रदेश में 36, लद्दाख में 26, जम्मू-कश्मीर में 11, मिजोरम में पांच, हिमाचल प्रदेश में तीन, सिक्किम, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में दो-दो और नगालैंड, राजस्थान और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में एक-एक हैं।
नेचिफू सुरंग:
- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अक्टूबर 2020 में इस सुरंग की आधारशिला रखी थी।
- यह सुरंग अरुणाचल प्रदेश में बालीपारा-चारदुआर-तवांग रोड स्थित 500 मीटर लंबी है।
- यह सुरंग, निर्माणाधीन सेला सुरंग के साथ रणनीतिक तवांग क्षेत्र को हर मौसम में संपर्क प्रदान करेगी। यह सुरंग क्षेत्र में तैनात सशस्त्र बलों और तवांग आने वाले पर्यटकों के लिए लाभदायक साबित होगा।