मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 21 सितंबर 2023 को खंडवा (मध्य प्रदेश) के ओंकारेश्वर में 108 फीट ऊंची आदि शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण किया।
इसी समारोह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अद्वैत लोक का शिलान्यास भी किया।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ स्वामी अवधेशानंद गिरि भी उपस्थित थे।
- इस अवसर पर पारंपरिक स्वागत में केरल के कलाकारों ने नृत्य किया। कार्यक्रम स्थल पर करीब 5 हजार संत, महंत व प्रतिनिधि उपस्थित थे।
- प्रतिमा स्थल के निकट ब्रह्मोत्सव में 5 हजार साधु-संत जुटे हैं। यहाँ अद्वैत लोक के लिए भूमिपूजन हुआ और CM ने इसकी आधारशिला रखी। इसके बाद आरती की। यह 2026 तक बनकर तैयार होगा।
- आदी शंकराचार्य 12 साल की उम्र में वेदांत के प्रचार के लिए इसी स्थल से निकले थे। इसकी झलक इस प्रतिमा में है। इस कार्यक्रम के लिए केरल के पंचवाद्यम से संतों की अगवानी की गई, काशी के डमरू गूंजे। कार्यक्रम के लिए कलाकार देश के कोने कोने से आए।
शंकराचार्य की प्रतिमा की विशेषता:
- यह प्रतिमा लगभग 200 करोड़ रुपए की लागत से तैयार की गई है।
- इसका वजन 108 टन है।
- यह 8 धातुओं से मिलकर बनी है।
- इस पूरे प्रोजेक्ट का बजट 2 हजार करोड़ से अधिक है।
- इस प्रोजेक्ट में म्यूजियम, गुरुकुल, अन्नपूर्णा सहित अद्वैत लोक बनाया जाएगा।
आदि शंकराचार्य:
- जन्म: 11 मई, 788 ई. (कोच्चि, केरल के पास कलाडी)
- शिव के भक्त शंकराचार्य ने 33 वर्ष की आयु में केदार तीर्थ में समाधि ली।
- बौद्ध दार्शनिकों के विरोधी शंकराचार्य ने अद्वैतवाद के सिद्धांत को प्रतिपादित किया और संस्कृत में वैदिक सिद्धांत (उपनिषद, ब्रह्म सूत्र और भगवद गीता) पर कई टिप्पणियाँ लिखीं।
आदि शंकराचार्य के प्रमुख कार्य:
- शंकराचार्य को भारत में उस समय हिंदू धर्म को पुनर्जीवित करने का श्रेय दिया जाता है क्योंकि उस समय बौद्ध धर्म काफी लोकप्रियता प्राप्त कर रहा था।
देश के चारों कोनों पर चार मठों की स्थापना:
- सनातन धर्म के प्रचार के लिए शंकराचार्य ने शिंगेरी, पुरी, द्वारका और बद्रीनाथ में भारत के चारों कोनों पर चार मठों की स्थापना की।