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Utkarsh Classes
Updated: 08 Sep 2023
3 Min Read
भारत सरकार के स्वामित्व वाली मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) ने 7 सितंबर 2023 को अमेरिकी सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाली एनएवीएसयूपी फ्लीट लॉजिस्टिक्स सेंटर (एफएलसी) योकोसुका के साथ एक मास्टर शिप रिपेयर एग्रीमेंट (एमएसआरए) पर हस्ताक्षर किए हैं। लार्सन एंड टुब्रो के बाद एमडीएल, अमेरिकी नौसेना के साथ इस तरह के समझौते पर हस्ताक्षर करने वाली दूसरी भारतीय कंपनी बन गई है।
एमडीएल पहले से ही भारतीय नौसेना और तटरक्षक जहाजों की मरम्मत का काम करता है।
जुलाई 2023 के महीने में लार्सन एंड टुब्रो ने अमेरिकी नौसेना के साथ मास्टर शिप रिपेयर एग्रीमेंट (एमएसआरए ) पर हस्ताक्षर किए थे। अमेरिकी नौसेना के जहाजों की मरम्मत चेन्नई के पास लार्सन एंड टुब्रो के कट्टुपल्ली शिपयार्ड में की जाएगी।
एमएसआरए अमेरिकी नौसेना और निजी जहाज निर्माण कंपनी के बीच एक कानूनी रूप से गैर-बाध्यकारी व्यवस्था है। निजी कंपनी के स्वीकृत शिपयार्ड अमेरिकी नौसैनिक जहाजों की मरम्मत करेंगे। एक कठोर जांच प्रक्रिया के तहत केवल उन देशों की कंपनियों को एमआरएसए के लिए चुना जाता है जिनके अमेरिका के साथ करीबी रक्षा संबंध हैं।
मास्टर शिप रिपेयर एग्रीमेंट (एमएसआरए) के तहत भारतीय शिपयार्ड इस क्षेत्र से गुजरने वाले अमेरिकी नौसेना के युद्धपोत को मरम्मत और रीफिट सेवा प्रदान करेगी ।
समझौते पर हस्ताक्षर भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच विशेष रूप से रक्षा क्षेत्र में बढ़ती निकटता का प्रतीक है।
अप्रैल 2022 में भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच आयोजित 2+2 वार्ता के दौरान, भारत ने अमेरिकी नौसेना को भारतीय शिपयार्डों ,जो जहाजों की मरम्मत और रखरखाव में सक्षम हैं की सेवा और विशेषज्ञता का उपयोग करने की अनुमति देने के लिए अमेरिका को प्रस्ताव दिया था ।
2+2 डायलॉग में दोनों देशों के विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री हिस्सा लेते हैं।
इस तरह के समझौते भारतीय और अमेरिकी के बढ़ते रणनीतिक सहयोग के बारे में चीन के लिए एक संदेश है।
इससे भारतीय शिपयार्ड उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। जटिल जहाज मरम्मत सुविधाओं को प्रदान करने की भारतीय शिपयार्ड की क्षमता को वैश्विक मान्यता मिलेगी और भविष्य में इस तरह की और अधिक वैश्विक ऑर्डर मिलने की संभावना बढ़ेगी।
इसकी स्थापना 1934 में एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रूप में की गई थी। 1960 में इसका राष्ट्रीयकरण कर दिया गया और भारत सरकार ने इसे अपने अधिकार में ले लिया। वर्तमान में कंपनी में मुख्य हिस्सेदारी भारत सरकार की है।
यह एक मिनी रत्न-I कंपनी है। एमडीएल ने अब तक उन्नत विध्वंसक से लेकर मिसाइल नौकाओं जिसमे 7 पनडुब्बियों , 27 युद्धपोतों सहित कुल 801 जहाजों का निर्माण किया है।
यह देश का एकमात्र शिपयार्ड है जिसने भारतीय नौसेना के लिए विध्वंसक और पारंपरिक पनडुब्बियों का निर्माण किया है।
अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक: संजीव सिंघल
मुख्यालय: मुंबई
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