भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपने 55वें स्थापना दिवस पर 16 अगस्त 2024 को पृथ्वी अवलोकन उपग्रह-08 (ईओएस -08) प्रक्षेपित करेगा। इसरो का गठन 15 अगस्त 1969 को भारत सरकार की प्रमुख अंतरिक्ष एजेंसी के रूप में किया गया था। इस उपग्रह को इसरो द्वारा 16 अगस्त 2024 को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया।
ईओएस -08 उपग्रह को इसरो के लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी)-डी3 द्वारा प्रक्षेपित किया जाएगा। यहाँ, डी का अर्थ विकासात्मक है।
उपग्रह को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) से प्रक्षेपित किया जाएगा।
पृथ्वी अवलोकन उपग्रह-08 (ईओएस -08) के बारे में
- ईओएस -08 एक रिमोट-सेंसिंग माइक्रो सैटेलाइट है जिसका द्रव्यमान लगभग 175.5 किलोग्राम है। इसे 475 किलोमीटर की ऊंचाई पर सर्कुलर लो-अर्थ ऑर्बिट (एलईओ) में स्थापित किया जाएगा।
- उपग्रह का जीवन लगभग 1 वर्ष होगा ।
- इस उपग्रह में उपग्रह-आधारित आपदा निगरानी, पर्यावरण निगरानी, आग का पता लगाने,औद्योगिक और बिजली संयंत्र आपदा निगरानी, ज्वालामुखी गतिविधि अवलोकन जैसे अनुप्रयोगों के लिए मिड-वेव और लॉन्ग-वेव इन्फ्रारेड बैंड में दिन और रात दोनों के दौरान छवियों को लेने की क्षमता है।
- उपग्रह समुद्र की सतह की हवा का विश्लेषण, मिट्टी की नमी का आकलन, हिमालय क्षेत्र पर क्रायोस्फीयर अध्ययन, बाढ़ का पता लगाने और अंतर्देशीय जल निकाय का पता लगाने में मदद करेगा।
लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी)-डी3
- इसरो ने 500 किमी तक के लो-अर्थ ऑर्बिट में 500 किलोग्राम तक के नैनो, मिनी और सूक्ष्म उपग्रह को प्रक्षेपित करने के लिए एक लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी)-डी3 विकसित किया है। यह एक या एक से अधिक नैनो, मिनी और माइक्रो उपग्रह को प्रक्षेपित कर सकता है।
- इसे दुनिया भर में निजी कंपनियों द्वारा इन छोटे उपग्रहों के लिए लॉन्च-ऑन-डिमांड प्लेटफॉर्म की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए विकसित किया गया है।
- एसएसएलवी रॉकेट तीन चरणों वाला रॉकेट है जिसमें तीन ठोस प्रणोदन चरण और उपग्रह को इच्छित कक्षा में स्थापित करने के लिए अंतिम तरल मॉड्यूल चरण है।
- एसएसएलवी डी-3 इसरो के एसएसएलवी रॉकेटों की तीसरी और अंतिम विकासात्मक उड़ान है। इसे 15 अगस्त 2024 को ईओएस -08 उपग्रह के प्रक्षेपण में इस्तेमाल किया जाएगा ।
- अगस्त 2022 में प्रक्षेपित की गई पहली एसएसएलवी डी-1 उड़ान मिशन के उद्देश्यों को पूरा करने में विफल रही थी ।
- फरवरी 2023 में प्रक्षेपित की गई दूसरी विकासात्मक उड़ान, एसएसएलवी डी-2 सफल रही। इसने तीन उपग्रह - ईओएस -07, जानुस -1, और आज़ादीसैट -2 को सफलतापूर्वक अन्तरिक्ष के निर्धारित कक्षा में प्रक्षेपित किया था।
- यदि एसएसएलवी डी-3 सफल होता है, तो इसरो के एसएसएलवी प्लेटफॉर्म को सफल और पूरी तरह से चालू घोषित किया जाएगा।
महत्वपूर्ण फुल फॉर्म
- एसएसएलवी-डी 3/ SSLV-D3 :स्माल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल डेवलपमेंटल-3 (Small Satellite Launch Vehicle-Developmental 3)
- आईएसआरओ (इसरो)/ISRO : इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाईजेशन ( Indian Space Research Organisation)
- ईओएस/EOS : अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट (Earth Observation Satellite)