राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 26 नवंबर 2024 को संविधान दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में संस्कृत और मैथिली भाषा में भारतीय संविधान के अनुवाद का अनावरण किया । मैथली मुख्य रूप से बिहार, झारखंड और नेपाल में बोली जाती है।
इस अवसर पर उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। भारत सरकार ने संविधान की 8वीं अनुसूची में उल्लिखित सभी 22 अनुसूचित भाषाओं में भारतीय संविधान का अनुवाद करने के लिए एक परियोजना शुरू की है।
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भारतीय संविधान के 75 साल पूरे होने का जश्न
इस साल भारतीय संविधान के अधिनियमित होने के 75 साल पूरे हो रहे हैं। भारत की संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान को अधिनियमित किया था और इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था।
2015 , हर वर्ष, देश में 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है।
संविधान दिवस और संविधान को अधिनियमित करने की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए संसद के संविधान सदन में एक समारोह आयोजित किया गया।
मोदी सरकार ने पुराने संसद भवन का नाम बदलकर संविधान सदन कर दिया है।
इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के दोनों सदनों, लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित किया।
समारोह के मुख्य कार्यक्रम
- राष्ट्रपति मुर्मू ने सभी संसद सदस्यों के साथ संविधान की प्रस्तावना पढ़ी ।
- भारत के संविधान को अधिनियमित करने की 75वीं वर्षगांठ को समर्पित एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी किया गया।
- “भारत के संविधान का निर्माण: एक झलक” और “भारत के संविधान का निर्माण और इसकी गौरवशाली यात्रा” नामक पुस्तकों का विमोचन किया गया।
- भारत के संविधान की कला को समर्पित पुस्तिका का विमोचन।
- संस्कृत में भारत के संविधान का विमोचन।
- मैथिली में भारत के संविधान का विमोचन।
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हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान अभियान शुरू किया गया
- संविधान को अधिनियमित करने की 75वें वर्ष को चिह्नित करने के लिए, राष्ट्रपति ने 25 नवंबर 2024 को “हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान” नामक एक साल भर चलने वाले अभियान की भी शुरुआत की।
- साल भर चलने वाला यह अभियान संविधान निर्माताओं के योगदान को याद करेगा और उनका सम्मान करेगा तथा हमारे संविधान के मूल मूल्यों को दोहराएगा।
भारतीय संविधान का हिंदी अनुवाद
- भारतीय संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है, जिसे भारत की संविधान सभा ने लिखा था।
- संविधान सभा ने तय किया था कि संविधान का मसौदा अंग्रेजी भाषा में तैयार किया जाएगा।
- हालांकि, कुछ सदस्यों की मांग पर, संविधान का हिंदी में अनुवाद करने के लिए एक अनुवाद समिति का गठन किया गया।
- घनस्याम दास गुप्ता को 41 सदस्यीय अनुवाद समिति का प्रमुख नियुक्त किया गया।
- 24 जनवरी 1950 को समिति ने संविधान की अनुवादित हिंदी प्रति भारतीय संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद को सौंपी।
- संविधान सभा के सदस्यों ने 24 जनवरी 1950 को संविधान के अंग्रेजी और हिंदी दोनों संस्करणों पर हस्ताक्षर किए।
हिंदी अनुवाद को संवैधानिक दर्जा
- 58वें संविधान संशोधन अधिनियम 1987 द्वारा संविधान में धारा 394 क को शामिल किया गया, जिसमें कहा गया है कि संविधान का हिंदी अनुवाद ही प्रामाणिक पाठ है और इसका वही अर्थ है जो मूल अंग्रेजी संस्करण का है।
- राष्ट्रपति को संविधान के हिंदी अनुवाद और उसमें किए गए किसी भी संशोधन को अंग्रेजी में प्रकाशित करने का अधिकार है।