विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने पोर्ट लुइस में भारत-मॉरीशस मैत्री उद्यान का उद्घाटन किया और वहां एक पेड़ भी लगाया। 16 जुलाई 2024 को भूमि पूजन समारोह के दौरान उनके साथ मॉरीशस के विदेश मंत्री मनीष गोबिन भी थे। डॉ. एस जयशंकर 16 और 17 जुलाई, 2024 को मॉरीशस की दो दिवसीय यात्रा पर थे ।
भारत के विदेश मंत्री के रूप में पुनः नियुक्ति के बाद डॉ. एस जयशंकर की मॉरीशस की दो दिवसीय यात्रा किसी देश की उनकी पहली द्विपक्षीय यात्रा थी। फरवरी 2021 में उनकी यात्रा के बाद विदेश मंत्री के रूप में यह उनकी मॉरीशस की दूसरी यात्रा भी है।
डॉ. जयशंकर की यात्रा 9 जून 2024 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए मॉरीशस के प्रधान मंत्री प्रविंद कुमार जुगनौथ की यात्रा के बाद हुई है।
भारत और मॉरीशस के बीच घनिष्ठ संबंध हैं और मॉरीशस की एक बड़ी आबादी भारतीय मूल की है।
अपनी यात्रा के दौरान, डॉ. जयशंकर ने मॉरीशस के प्रधान मंत्री प्रविंद कुमार जुगनुथ और उप प्रधान मंत्री स्टीवन ओबीगाडू से मुलाकात की। उन्होंने मॉरीशस के अपने समकक्ष मनीष गोबिन के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की।
डॉ. जयशंकर ने रेडुइट में सिविल सर्विस कॉलेज परियोजना का भी दौरा किया, जो भारतीय सहायता से बनाई जा रही है।
डॉ. जयशंकर ने कहा कि सिविल सर्विस कॉलेज परियोजना भारत-मॉरीशस मित्रता का प्रतीक है ,जो मॉरीशस के सिविल सेवकों की प्रशिक्षण आवश्यकताओं को पूरा करेगी और सार्वजनिक प्रशासन में उत्कृष्टता के केंद्र के रूप में काम करेगी।
विदेश मंत्री जयशंकर ने मॉरीशस के प्रधान मंत्री प्रविंद कुमार जुगनौथ की उपस्थिति में मॉरीशस के ग्रैंड बोइस इलाके में भारत के बाहर पहले जन औषधि केंद्र का उद्घाटन किया।
भारतीय सहायता से स्थापित मेडिसिलिनिक, ग्रैंड बोइस क्षेत्र में 16,000 लोगों के लिए माध्यमिक स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करेगा।
जन औषधि केंद्र पर सस्ती जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।
डॉ. जयशंकर ने चागोस द्वीपसमूह पर मॉरीशस के दावे का समर्थन किया, जिसपर संप्रभुता को लेकर मॉरीशस का यूनाइटेड किंगडम के साथ विवाद चल रहा है।
चागोस द्वीपसमूह मध्य हिंद महासागर में स्थित 60 से अधिक द्वीप समूह है जो मालदीव से लगभग 500 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है ।
यूनाइटेड किंगडम ने 1810 में मॉरीशस और चागोस द्वीपसमूह पर कब्ज़ा कर लिया था औए उसे अपना उपनिवेश बना लिया था ।
मॉरीशस 1968 में स्वतंत्र हो गया, लेकिन यूनाइटेड किंगडम ने मॉरीशस को स्वतंत्रता देने से पहले चागोस द्वीप को मॉरीशस से अलग कर दिया।
उसने चागोस द्वीपों को मॉरीशस को सौंपने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि यह एक अलग क्षेत्र है।
मॉरीशस चागोस द्वीपों पर संप्रभुता का दावा करता है लेकिन यूनाइटेड किंगडम ने उन्हें मॉरीशस को वापस करने से लगातार इनकार करती है।
यूनाइटेड किंगडम सरकार का दावा है कि यह द्वीप सुरक्षा के दृष्टि से संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए आवश्यक है, जिसका डिएगो गार्सिया द्वीप पर एक बड़ा सैन्य अड्डा है।
मॉरीशस इस मामले को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में ले गया और न्यायालय ने 2019 में मॉरीशस के पक्ष में अपना फैसला सुनाया और यूनाइटेड किंगडम से चागोस द्वीप को मॉरीशस को वापस करने को कहा।
हालाँकि, यूनाइटेड किंगडम ने इस फैसले को मानने से इनकार कर दिया है और कहा है कि चागोस द्वीपसमूह उसकी रक्षा और सुरक्षा जरूरतों के लिए आवश्यक है।
मॉरीशस हिंद महासागर में एक द्वीपसमूह है, जो अफ्रीका के पूर्वी तट पर स्थित है। यह एक अफ़्रीकी देश है।
देश की लगभग दो-तिहाई आबादी भारतीय मूल की है। अंग्रेज़ उन्हें गन्ने के खेतो में काम करने के लिए मॉरीशस लाये थे।
कई लोग पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार से हैं, और यहाँ पर भोजपुरी व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा है।
देश की आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है, लेकिन अधिकांश आबादी क्रियोल भाषा बोलती है।
मॉरीशस की लगभग आधी आबादी हिंदू है।
राजधानी: पोर्ट लुइस
मुद्रा: मॉरीशस रुपया
प्रधान मंत्री: प्रविंद कुमार जुगनुथ