अफ्रीका का प्रथम जलवायु शिखर सम्मेलन 4 सितम्बर 2023 को केन्या की राजधानी नैरोबी में आरंभ हुआ। तीन दिवसीय अफ्रीकी जलवायु शिखर सम्मेलन 4-6 सितंबर को नैरोबी में आयोजित किया जा रहा है।
इस जलवायु शिखर सम्मेलन में शामिल प्रतिनिधियों का लक्ष्य आगामी वैश्विक सम्मेलनों से पूर्व एक साझा स्थिति बनाना और महाद्वीप की पर्यावरणीय प्राथमिकताओं को वित्त पोषित करने के तरीके पर वार्ता करना है।
- सम्मेलन के आयोजकों का मानना है कि उन्हें तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन में करोड़ों डॉलर के सौदों की घोषणा होने की उम्मीद है, जिससे उनका लक्ष्य अफ्रीका को बाढ़, सूखे और अकाल के शिकार के बजाय जलवायु निवेश के लिए एक गंतव्य के रूप में प्रदर्शित करना है।
- कॉप28 के नामित-अध्यक्ष डॉ. सुल्तान बिन अहमद अल जाबेर, केन्या के राष्ट्रपति विलियम समोई रुतो और अफ्रीकी संघ आयोग के अध्यक्ष मौसा फाकी महातम ने महत्वाकांक्षी जलवायु कार्रवाई को साकार करने की दिशा में काम करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की है।
- सम्मेलन के प्रथम दिवस 4 सितम्बर 2023 को पर्यावरण मंत्री, व्यावसायिक अधिकारी और जलवायु प्रचारकों के मध्य चर्चा का मुख्य विषय जलवायु वित्त, बढ़ते तापमान के अनुकूलन में निवेश, कार्बन बाजारों को किस प्रकार से बढ़ाया जाए और खाद्य प्रणालियों में परिवर्तन से किस प्रकार निपटा जाए।
- 5 सितम्बर से शिखर सम्मेलन में 20 से अधिक राष्ट्रपतियों और शासनाध्यक्षों के भाग लेने की उम्मीद है। वे न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन और नवंबर के अंत में संयुक्त अरब अमीरात में कॉप 28 (COP28) संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन से पूर्व अफ्रीका की स्थिति को रेखांकित करते हुए एक घोषणा जारी करने की योजना बना रहे हैं।
- अफ़्रीकी नेता धन जुटाने के लिए कार्बन क्रेडिट जैसे बाजार-आधारित वित्तपोषण उपकरणों पर जोर दे रहे हैं, जिनके बारे में उनका कहना है कि दुनिया के अमीर दानदाताओं से धन मिलने की प्रक्रिया काफी धीमा है।
- कार्बन क्रेडिट प्रदूषकों को वृक्षारोपण और नवीकरणीय ऊर्जा सहित गतिविधियों के वित्तपोषण के माध्यम से उत्सर्जन की भरपाई करने की अनुमति देता है।
रॉबैंक और वैश्विक ऊर्जा व्यापारी विटोल कांगो में करेंगे $20 मिलियन के निवेश
- डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो के शीर्ष ऋणदाताओं में से एक, रॉबैंक और वैश्विक ऊर्जा व्यापारी विटोल ने 4 सितम्बर 2023 को कांगो में नवीकरणीय ऊर्जा, स्वच्छ खाना पकाने और वन संरक्षण में $20 मिलियन के निवेश की घोषणा की।
संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार, अफ्रीकी देश वैश्विक कार्बन उत्सर्जन में केवल 3% का योगदान करते हैं, लेकिन जलवायु परिवर्तन से जुड़े चरम मौसम के प्रभाव में वे तेजी से प्रभावित हो रहे हैं, जिसमें हॉर्न ऑफ अफ्रीका का दशकों में सबसे खराब सूखा भी शामिल है।
अफ्रीका संभावनाओं से भरा महाद्वीप:
- अफ्रीका संभावनाओं से भरा एक महाद्वीप है। इसमें प्रचुर मात्रा में नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता मौजूद है जिसका दोहन होना अभी शेष है।
- अफ्रीका के 1.4 अरब लोग दुनिया की 17 फीसदी जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिनमें से 60 फीसदी लोग 25 वर्ष से कम उम्र के हैं, जो इसे विश्व की सबसे युवा जनसंख्या बनाता है।
- यह विश्व की 10 सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से 5 का समूह भी है।
- परन्तु वर्तमान में विश्व के ऊर्जा-संबंधित कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन का 3% से भी कम होने और किसी भी क्षेत्र की तुलना में प्रति व्यक्ति सबसे कम उत्सर्जन होने के बावजूद अफ्रीका कई सबसे अधिक जलवायु संवेदनशील देशों का समूह बन गया है।