लघु सिंचाई योजना पर छठी जनगणना केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा कायाकल्प विभाग द्वारा 26 अगस्त 2023 को जारी की गई थी। रिपोर्ट के अनुसार, देश में 23.14 मिलियन लघु सिंचाई योजनाएं हैं , जिनमें से 21.93 मिलियन (94.8%) भूजल योजनाएं हैं और 1.21 मिलियन (5.2%) सतही जल योजनाएं हैं।
संदर्भ वर्ष 2017-18 के साथ छठी लघु सिंचाई जनगणना 32 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में पूरी की गई थी । सरकार के अनुसार कोविड-19 महामारी के कारण छठी लघु सिंचाई गणना कार्य में देरी हुई।
भारत में लघु सिंचाई गणना कौन करता है?
केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग केंद्र प्रायोजित 'सिंचाई जनगणना' योजना के तहत हर 5 साल में लघु सिंचाई जनगणना आयोजित करता है।
- पहली जनगणना संदर्भ वर्ष 1986-87 के साथ आयोजित की गई थी,
- दूसरी जनगणना संदर्भ वर्ष 1993-94 के साथ आयोजित की गई थी,
- तीसरी जनगणना संदर्भ वर्ष 2000-01 के साथ आयोजित की गई थी,
- चौथी जनगणना संदर्भ वर्ष 2006-07 के साथ आयोजित की गई थी,
- पांचवीं जनगणना संदर्भ वर्ष 2013-2014 के साथ आयोजित की गई थी,
- छठी जनगणना संदर्भ वर्ष 2017-18 के साथ आयोजित की गई थी।
छठी लघु सिंचाई जनगणना की प्रमुख खोज
- पांचवी गणना की तुलना में छठी लघु सिंचाई गणना के दौरान लघु सिंचाई योजनाओं में लगभग 1.42 मिलियन की वृद्धि हुई है।
- राष्ट्रीय स्तर पर, भूजल और सतही जल स्तर की योजनाओं में क्रमशः 6.9% और 1.2% की वृद्धि हुई है।
- 3.14 मिलियन लघु सिंचाई योजनाओं में से 21.93 मिलियन या 94.8% भूजल योजनाएं हैं और 1.21 मिलियन या 5.2% सतही जल योजनाएं हैं।
- सभी लघु सिंचाई योजनाओं में से, 97.0% ‘उपयोग में हैं’, 2.1% ‘अस्थायी रूप से उपयोग में नहीं हैं’ जबकि 0.9% ‘स्थायी रूप से उपयोग में नहीं है’।
- उथले ट्यूबवेल और मध्यम ट्यूबवेल 'उपयोग में' योजनाओं की श्रेणी में अग्रणी हैं।
- अधिकांश लघु सिंचाई योजनाएं (96.6%) निजी स्वामित्व में हैं। भूजल योजनाओं में स्वामित्व में निजी संस्थाओं की हिस्सेदारी 98.3% है वहीं सतही जल योजनाओं में हिस्सेदारी 64.2% है।
- पहली बार, व्यक्तिगत स्वामित्व के मामले में लुघ सिंचाई योजना के मालिक की लैंगिक स्थित के बारे में भी जानकारी एकत्र की गई। सभी व्यक्तिगत स्वामित्व वाली योजनाओं में से 18.1% का स्वामित्व महिलाओं के पास है।
- लगभग 60.2% योजनाओं में वित्त का एक ही स्रोत है और अधिकांश योजनाओं (79.5%) को व्यक्तिगत किसानों की अपनी बचत से वित्तपोषित किया जा रहा है।
लघु सिंचाई योजना में हिस्सेदारी
छठी जनगणना रिपोर्ट के अनुसार लघु सिंचाई योजना में सर्वाधिक हिस्सेदारी थी :
- खोदे गए कुंओं ,
- कम गहरे ट्यूबवेल,
- मध्यम ट्यूबवेल और
- गहरे ट्यूबवेल हैं।
सर्वाधिक लघु सिंचाई योजनाओं वाले अग्रणी राज्य
देश में सबसे अधिकलघु सिंचाई योजनाएं;
- उत्तर प्रदेश में हैं, इसके बाद
- महाराष्ट्र ,
- मध्य प्रदेश और
- तमिलनाडु का स्थान है।
भूजल श्रेणी में अग्रणी राज्य
- उत्तर प्रदेश,
- महाराष्ट्र,
- मध्य प्रदेश,
- तमिलनाडु और
- तेलंगाना.
सतही जल श्रेणी में अग्रणी राज्य
- महाराष्ट्र
- कर्नाटक,
- तेलंगाना,
- ओडिशा और
- झारखंड
जनगणना तथ्य का उपयोग
- इस क्षेत्र में प्रभावी योजना और नीति निर्माण के लिए लघु सिंचाई योजनाओं के लिए एक मजबूत और विश्वसनीय डेटा बेस आवश्यक है।
- यह रिपोर्ट योजनाकारों, नीति-निर्माताओं, रिसर्च स्कॉलर, कृषि और भूजल वैज्ञानिकों, प्रशासकों और देश की सिंचाई व कृषि अर्थव्यवस्था के विकास से जुड़े सभी लोगों के लिए उपयोगी होगी।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री: गजेंद्र सिंह शेखावत