यूनाइटेड किंगडम और मॉरीशस एक समझौते पर सहमत हो गए हैं जिसके तहत यूनाइटेड किंगडम अपने अधीन चागोस द्वीप समूह और डिएगो गार्सिया को मॉरीशस को वापस कर देगा।यह समझौता अफ़्रीकी महाद्वीप पर ब्रिटिश उपनिवेशवाद के अंत का भी प्रतीक है।
इस समझौते की घोषणा 3 अक्टूबर 2024 को यूनाइटेड किंगडम के प्रधान मंत्री कीर स्टारमर और मॉरीशस के प्रधान मंत्री प्रविंद जुगनौथ द्वारा जारी एक संयुक्त बयान में की गई थी।
समझौते के तहत, चागोस द्वीप समूह से विस्थापित मूल निवासियों को डिएगो गार्सिया को छोड़कर, चागोस द्वीप समूह पर वापस लौटने और बसने का अधिकार होगा।
यूनाइटेड किंगडम डिएगो गार्सिया द्वीपों का 99 साल का पट्टा बरकरार रखेगा, जहां संयुक्त राज्य अमेरिका का एक महत्वपूर्ण का सैन्य अड्डा स्थित है।
चागोस द्वीपसमूह के बारे में विवाद
- मध्य हिंद महासागर में स्थित ,चागोस द्वीपसमूह में लगभग 60 द्वीप शामिल हैं। यह मालदीव से लगभग 500 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है।
- यह द्वीप, जो मॉरीशस का हिस्सा है, 1810 में यूनाइटेड किंगडम द्वारा कब्जा कर लिया गया था।
- 1968 में मॉरीशस को स्वतंत्रता देने से पहले यूनाइटेड किंगडम ने चागोस द्वीपसमूह को मॉरीशस से अलग कर दिया और इसे ब्रिटिश हिंद महासागर क्षेत्र बना दिया।
- ब्रिटिश हिंद महासागर क्षेत्र पर संप्रभुता यूनाइटेड किंगडम का था।
- यूनाइटेड किंगडम द्वारा चागोस द्वीपसमूह को मॉरीशस को सौंपने से इनकार करने का मुख्य कारण डिएगो गार्सिया एटोल का सैन्य महत्व है।
यूनाइटेड किंगडम का बढ़ता अंतर्राष्ट्रीय अलगाव
- मॉरीशस ,इस विवाद को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में ले गया। अदालत ने मॉरीशस के पक्ष में फैसला सुनाया और यूनाइटेड किंगडम से चागोस द्वीप मॉरीशस को वापस करने को कहा।
- संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मॉरीशस के समर्थन में प्रस्ताव पारित कर रखा है जिसमे यूनाइटेड किंगडम सरकार से चागोस द्वीपसमूह को मॉरीशस को सौंपने के लिए कहा गया है। इस मुद्दे पर बढ़ता राजनयिक अलगाव यूनाइटेड किंगडम सरकार के चागोस द्वीपसमूह को मॉरीशस को सौंपने के फैसले में प्रमुख कारकों में से एक रहा है।
डिएगो गार्सिया का महत्व
डिएगो गार्सिया हिंद महासागर में एक एटोल है, जो अफ्रीका और एशिया के बीच प्रमुख अंतरराष्ट्रीय व्यापार मार्गों पर स्थित है।
- यह यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका का सैन्य अड्डा है।
- यह एक अमरीकी नौसेना का समर्थन सुविधा अड्डा है जो अमरीकी नौसेना के साथ -साथ अमरीकी वायु सेना के लंबी दूरी के बमवर्षक का अड्डा है।
- यह सैन्य अड्डा, हिंद महासागर और फारस की खाड़ी क्षेत्र में तैनात अमेरिकी परिचालन बलों को रसद सहायता प्रदान करता है।
- इस सैन्य अड्डा ने खाड़ी युद्ध और इराक तथा अफगानिस्तान में अमेरिकी युद्धों के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- 1970 के दशक में, शीत युद्ध काल के दौरान, संयुक्त राज्य अमेरिका ने सोवियत संघ का मुकाबला करने के लिए हिंद महासागर में एक सैन्य अड्डे की खोज में था।
- उस समय यूनाइटेड किंगडम जो अमरीका का बहुत ही करीबी सहयोगी देश है ने संयुक्त राज्य अमेरिका को डिएगो गार्सिया में एक सैन्य अड्डा बनाने और संचालित करने की अनुमति देने पर सहमत हुआ।
- 1970 के दशक में, सैन्य अड्डे के निर्माण के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम ने द्वीपसमूह के सभी निवासियों को जबरन हटा दिया और उन्हें जबरन सेशेल्स और मॉरीशस भेज दिया गया।