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इंडियन बैंक ने बैंकिंग सेवाओं की पहुँच बढ़ाने के लिए 'आईबी साथी' पहल शुरू की
Utkarsh Classes
Updated: 16 Sep 2023
2 Min Read
भारत सरकार के स्वामित्व वाले सार्वजनिक क्षेत्र के इंडियन बैंक ने 16 सितंबर 2023 को अपनी 'आईबी साथी' पहल शुरू की है। 'आईबी साथी' का उद्देश्य बिजनस कॉरेस्पॉन्डेट के माध्यम से वित्तीय क्षेत्र में सभी हितधारकों के लिए एक एकीकृत पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करना है।
आईबी सस्टेनेबल एक्सेस एंड एलाइनिंग टेक्नोलॉजी फॉर होलिस्टिक इंक्लूजन (साथी ) पहल की शुरुआत बैंक के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एस एल जैन ने चेन्नई में की।
आईबी साथी पहल के तहत इंडियन बैंक सभी केंद्रों पर प्रति दिन न्यूनतम चार घंटे के लिए बुनियादी बैंकिंग सेवाएं प्रदान करना करेगा जबकि बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट्स सीधे ग्राहकों के दरवाजे पर अपनी बुनियादी बैंकिंग सेवाएं प्रदान करेंगे।
मार्च 2024 तक, इंडियन बैंक अपनी पहुंच और बढ़ाने के लिए लगभग 5,000 बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट्स को तैनात करने का इरादा रखता है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई ) ने 'बैंकिंग आउटलेट' को बैंक की एक निश्चित बिंदु सेवा वितरण इकाई के रूप में परिभाषित किया है।
इसे या तो बैंक के कर्मचारियों या उसके बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट द्वारा संचालित किया जा सकता है।
बैंकिंग आउटलेट पर बैंक को सप्ताह में कम से कम पांच दिन प्रति दिन न्यूनतम 4 घंटे जमा स्वीकार करने और चेक भुनाने/नकद निकासी या पैसे उधार देने की सेवाएं प्रदान करनी होती हैं।
वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने और बैंक रहित क्षेत्र में बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने में बैंकों की पहुंच बढ़ाने के लिए, आरबीआई ने बैंकों को बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट्स को नियुक्त करने की अनुमति दी है। बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट्स या बैंक मित्र,बैंकों के एजेंट होते हैं।
आरबीआई ने बैंकों को गैर सरकारी संगठनों, स्वयं सहायता समूह (एसएचजी), सेवानिवृत्त बैंक अधिकारियों, सेवानिवृत्त सशस्त्र बल कर्मियों, पेट्रोल पंप मालिकों, कोई पात्र व्यक्ति और सामान्य सेवा केंद्रों को बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट्स के रूप में नियुक्त करने की अनुमति दी है।
बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट घर तक बैंकिंग सुविधाएं प्रदान करते हैं । आरबीआई के अनुसार ये छोटे मूल्य की जमा स्वीकार कर सकते हैं , छोटी निकासी , फंड ट्रांसफर की सुविधाएं प्रदान कर सकते हैं तथा बैंकों के वित्तीय उत्पादों जैसे बीमा, रिनआदि की बिक्री कर सकते हैं ।
इसकी स्थापना 1907 में एक निजी क्षेत्र के बैंक के रूप में की गई थी।
1969 में भारत सरकार द्वारा इसका राष्ट्रीयकरण कर दिया गया।
1 अप्रैल 2020 को इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में विलय हो गया।
प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ): शांति लाल जैन
बैंक का मुख्यालय: चेन्नई
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