भारतीय नौसेना ने 7 अक्टूबर 2023 को एक परिवर्तनकारी '360 डिग्री मूल्यांकन प्रणाली’ नमक एक मूल्यांकन तंत्र को संस्थागत रूप दिया है। यह प्रणाली भारतीय नौसेना में विभिन्न पदोन्नति बोर्डों के लिए '360 डिग्री मूल्यांकन प्रणाली' की एक नई परिवर्तनकारी पहल को संस्थागत रूप दिया है।
360 डिग्री प्रदर्शन मूल्यांकन क्या है?
- 360 डिग्री प्रदर्शन मूल्यांकन संगठन में कर्मचारियों को मूल्यांकन प्रदान करने का एक उन्नत माध्यम है। इसमें संगठन के विभिन्न संबद्ध समूहों और बाहरी (ग्राहकों) से लिये गए फीडबैक को शामिल किया जाता है। लोगों या समीक्षकों के समूह में प्रबंधक, मानव संसाधन, सहकर्मी आदि को शामिल किया जा सकता है जिनके साथ उन्होंने काम किया है।
'360 डिग्री मूल्यांकन प्रणाली' को क्यों अपनाया गया?
- '360 डिग्री मूल्यांकन प्रणाली' में में ‘टॉप-डाउन’ दृष्टिकोण की अंतर्निहित सीमाएं हैं जो वर्तमान आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं करता है।
- अपने पेशेवर और व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा देने की दिशा में, भारतीय नौसेना मानती है कि एक चुस्त, अनुकूल और उन्नत मानव संसाधन प्रबंधन अनिवार्य है। इस संबंध में, भारतीय नौसेना ने विभिन्न पदोन्नति बोर्डों के लिए '360 डिग्री मूल्यांकन प्रणाली' की एक नई परिवर्तनकारी पहल को संस्थागत रूप दिया है।
- वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा आवधिक गोपनीय रिपोर्टों के वर्तमान मूल्यांकन तंत्र में 'टॉप-डाउन' दृष्टिकोण की अंतर्निहित सीमा है, क्योंकि यह अधीनस्थों पर किसी अग्रणी के प्रभाव को पूरा या निर्धारित नहीं करता है।
360 डिग्री मूल्यांकन प्रणाली का मुख्य उद्देश्य क्या है?
- भारतीय नौसेना के '360 डिग्री मूल्यांकन प्रणाली' का उद्देश्य पदोन्नति के लिए विचार किए जा रहे प्रत्येक अधिकारी के लिए उपयुक्त रूप से चिन्हित सहयोगियों और अधीनस्थों से व्यापक स्तर पर सर्वेक्षण को शामिल करके इस कमी को दूर करना है।
किस तरह से सर्वेक्षण किए जाते हैं?
- सर्वेक्षण में कई प्रकार के प्रश्न पूछे जाते हैं, जिसमें व्यवसायिक ज्ञान, नेतृत्व की विशेषताएं, युद्ध/संकट में उपयुक्तता और उच्च पद धारण करने की क्षमता जैसे पहलू शामिल होते हैं।
- इससे प्राप्त इनपुट को फ्लैग ऑफिसर की अध्यक्षता में नामित अधिकारियों के बोर्ड द्वारा स्वतंत्र विश्लेषण के लिए उपयुक्त रूप से निर्धारित किया जाता है।
- यह अधिकारियों को व्यवहार परिवर्तन और सुधार को प्रभावित करने के लिए फीडबैक के रूप में भी प्रदान किया जाएगा।
इसकी आवश्यकता क्यों पड़ी?
- इसी तरह की मूल्यांकन प्रणाली विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय शिक्षण संगठनों में प्रचलन में है। भारतीय नौसेना इस तरह की 'सर्वोत्तम प्रथाओं' को आत्मसात करके 'युद्ध के लिए तैयार, विश्वसनीय, एकजुट और भविष्य के लिए एक अभेद्य बल बने रहने की दिशा में अन्य प्रयासों की निरंतरता में है।
360 डिग्री प्रदर्शन मूल्यांकन का महत्व?
- कर्मचारियों के प्रदर्शन के आधार पर फीडबैक सबसे अच्छा मूल्यांकन है। गतिविधि आपके कर्मचारियों को हर बार बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करने में मदद करती है। एक सटीक और निष्पक्ष 360 मूल्यांकन प्रणाली कर्मचारियों को किसी संगठन में प्रभावी कर्मचारी प्रबंधन के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण संपत्ति बनाती है।
360 डिग्री मूल्यांकन पद्धति किसपर आधारित है?
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यह प्राणाली निम्नलिखित कई विधियों पर आधारित है: रेटिंग स्केल विधि, रैंकिंग पद्धति, फ्री फॉर्म विधि, गोपनीय रिपोर्टिंग पद्धति, बार्स विधि आदि प्रमुख है।
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रेटिंग स्केल किसी कर्मचारी के प्रदर्शन का आकलन करने के सबसे सामान्य तरीकों में से एक है। इस पद्धति में 1 से 10 अंक का पैमाना शामिल है। स्केल रेटिंग के पैरामीटर डिलीवरी, रवैया, उपस्थिति, नियमितता और जवाबदेही हैं, जिनके अनुसार कर्मचारी के लिए मूल्यांकन किया जाता है।
360 डिग्री प्रदर्शन मूल्यांकन के लाभ और हानि:
- यह मूल्यांकन प्रबंधन प्रणाली व्यवसायों के लिए अत्यधिक उपयोगी संसाधन हो सकती है। फिर भी, हर संसाधन का अपना कुछ सकारात्मक और नकारात्मक पहलू होते हैं:
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360 डिग्री मूल्यांकन के सकारात्मक पहलू:
- इससे कर्मचारियों में आत्म विकास बढ़ता है;
- निष्पक्ष एवं सटीक समीक्षा की जाती है;
- पक्षपात दूर करता है;
- प्रेरित कार्यबल;
- कर्मचारी प्रदर्शन का व्यापक दृष्टिकोण;
- प्रेरक समीक्षाएँ;
- कर्मचारियों का मनोबल बढ़ता है;
- सकारात्मक कार्य वातावरण तैयार होता है;
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360-डिग्री मूल्यांकन प्रणाली के नकारात्मक पहलू:
- ऐसे कई संकेत हैं जो 360-डिग्री मूल्यांकन प्रणाली में नुकसानदेह साबित हो सकते हैं जिनमें शामिल हैं:
- पक्षपात और अन्याय
- उत्तरदायित्व की कमी
- बहुत समय लगेगा
- डेटा अधिभार
- आंतरिक विवाद
- परस्पर विरोधी प्रतिक्रिया
- कार्यालय की राजनीति को बढ़ाता है।