भारतीय विदेश मंत्रालय ने नेपाली उपग्रह मुनाल के प्रक्षेपण के लिए न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। एमओयू के तहत, विदेश मंत्रालय एनएसआईएल को अनुदान प्रदान करेगा ताकि वह नेपाली की मुनाल उपग्रह को प्रक्षेपित कर सके।
एमओयू पर मंत्रालय की ओर से संयुक्त सचिव (उत्तर) अनुराग श्रीवास्तव और एनएसआईएल के निदेशक अरुणाचलम ए ने और नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए।
जनवरी 2024 में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की नेपाल यात्रा के दौरान, मुनाल उपग्रह के प्रक्षेपण के लिए एनएसआईएल और नेपाल विज्ञान और प्रौद्योगिकी अकादमी (एनएएसटी) के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।
मुनाल उपग्रह के बारे में
- मुनाल उपग्रह को नेपाल एकेडमी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (एनएएसटी) के तत्वावधान में नेपाल के छात्रों द्वारा विकसित किया गया है। एनएएसटी एक स्वायत्त निकाय है जिसे नेपाल में विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए नेपाल सरकार द्वारा स्थापित किया गया है।
- एक नेपाली अंतरिक्ष स्टार्टअप, अंतरिक्षया प्रतिष्ठान नेपाल (एपीएन) ने मुनाल उपग्रह के डिजाइन और निर्माण में नेपाली छात्रों की सहायता की है।
- उपग्रह का लक्ष्य पृथ्वी की सतह का वनस्पति घनत्व डेटाबेस बनाना है।
- उपग्रह को एनएसआईएल के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) द्वारा प्रक्षेपित किया जाएगा।
न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल)
न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) की स्थापना 6 मार्च 2019 को भारत सरकार द्वारा की गई थी।
कंपनी भारत सरकार के अंतरिक्ष विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में है।
एनएसआईएल का कार्य
- यह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की विपणन शाखा है, जिसे वाणिज्यिक उपग्रह प्रक्षेपण की वैश्विक मांग को पूरा करने के लिए बनाया गया था।
- यह अपने पृथ्वी अवलोकन और संचार उपग्रहों के माध्यम से ग्राहकों को अंतरिक्ष-आधारित सेवाएं प्रदान करता है।
- यह ग्राहक की मांग के अनुसार उपग्रह बनाता है और उसे प्रक्षेपित करता है।
- यह ग्राहकों की आवश्यकताओं के अनुसार निजी क्षेत्र के सहयोग से प्रक्षेपण वाहनों का निर्माण भी करता है।
मुख्यालय: बेंगलुरु, कर्नाटक
अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (सीएमडी): राधाकृष्णन दुरईराज