राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु 17 अगस्त, 2023 को कोलकाता स्थित गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड में प्रोजेक्ट 17ए फ्रिगेट के पोत विन्ध्यागिरी का शुभारंभ करेंगी।
विन्ध्यागिरी पोत का नाम कर्नाटक में पर्वत श्रृंखला के नाम पर रखा गया है और यह प्रोजेक्ट 17ए फ्रिगेट का छठवां पोत है।
प्रोजेक्ट 17 क्लास फ्रिगेट्स (शिवालिक क्लास) के बाद बनाए गए युद्धपोत बेहतर स्टील्थ विशेषता, उन्नत हथियारों और सेंसर और प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम से लैस हैं। तकनीकी रूप से उन्नत पोत 'विन्ध्यागिरी', अपने पूर्ववर्ती लिएंडर क्लास एएसडब्ल्यू फ्रिगेट के स्थान पर लाया गया है।
पूर्ववर्ती विन्ध्यागिरी ने 08 जुलाई 1981 से 11 जून 2012 तक अपनी 31 साल की सेवा के दौरान कई चुनौतीपूर्ण अभियान और बहुराष्ट्रीय अभ्यासों में भाग लिया था।
नव-निर्मित विन्ध्यागिरी भारत के अपने समृद्ध नौसेना इतिहास को अंगीकार करने के दृढ़ संकल्प का प्रतीक होने के साथ-साथ भविष्य में स्वदेशी रक्षा क्षमता को प्रेरित करने को भी दर्शाता है।
प्रोजेक्ट 17ए कार्यक्रम के अंतर्गत मैसर्स एमडीएल द्वारा कुल चार पोत और मैसर्स जीआरएसई द्वारा तीन पोत निर्माणाधीन हैं। परियोजना के पहले पांच पोतों का एमडीएल और जीआरएसई द्वारा 2019-2022 के बीच शुभारंभ किया गया है।
प्रोजेक्ट 17ए पोत को भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा स्वदेश में ही डिजाइन किया गया है, जो सभी युद्धपोत डिजाइन गतिविधियों के लिए एक अग्रणी संगठन है।
आत्मनिर्भर' भारत की भावना का अनुपालन करते हुए प्रोजेक्ट 17ए पोतों के उपकरणों और प्रणालियों के लिए 75 प्रतिशत ऑर्डर स्वदेशी फर्मों से पूर्ण किए गए हैं, जिनमें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) भी शामिल हैं।
विन्ध्यागिरी का शुभारंभ भारत द्वारा आत्मनिर्भर नौसेना निर्माण करने के प्रति अतुलनीय प्रगति का एक प्रमाण है।
प्रोजेक्ट 17ए
प्रोजेक्ट 17, अल्फा फ्रिगेट्स (P-17A) को भारतीय नौसेना द्वारा वर्ष 2019 में स्टील्थ गाइडेड-मिसाइल फ्रिगेट की एक शृंखला के निर्माण के लिए आरंभ किया गया था।
इनका निर्माण वर्तमान में दो कंपनियों - मझगाँव डॉक शिपबिल्डर्स (एमडीएल) और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) द्वारा किया जा रहा है।
इन गाइडेड-मिसाइल फ्रिगेट्स का निर्माण एक विशिष्ट स्टील्थ डिज़ाइन के साथ किया गया है, जिसमें रडार से बचने की तकनीक शामिल है जो इसे दुश्मन की नज़रों से बचाता है।
नई तकनीक से जहाज़ के इंफ्रारेड सिग्नल भी कम हो जाते हैं।
प्रोजेक्ट 17A के तहत लॉन्च किया गया पहला स्टील्थ शिप नीलगिरि था, जिसे वर्ष 2019 में शुभारंभ किया गया था।