चीन ने चंद्रमा के सुदूर हिस्से से नमूने एकत्र करने के लिए चांग'ई-6 मिशन प्रक्षेपित किया है। अगर यह मिशन सफल हो गया तो चीन चंद्रमा के सुदूर हिस्से से नमूने एकत्र का वापस पृथ्वी पर लाना वाला करने वाला दुनिया का पहला देश होगा। संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ ही ऐसे दो देश हैं जो चंद्रमा से पृथ्वी पर नमूने लाने में सफल हुए हैं , लेकिन इन देशों ने चंद्रमा के नमूने च्नद्रमा के निकट हिस्से से लेकर आए थे।
चीन चंद्रमा के सुदूर हिस्से पर उतरने वाला दुनिया का पहला देश था। 2019 में, इसका चांग'ई 4 मिशन चंद्रमा के दूर वाले हिस्से पर उतरा था लेकिन उसने चंद्रमा से कोई नमूना पृथ्वी पर नहीं लाया था।
भारत अगस्त 2023 में अपने चंद्रयान-3 मिशन के साथ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरने वाला पहला देश बन गया था ।
चंद्रमा पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है जो इसकी परिक्रमा करता है। चंद्रमा का वह भाग जिसे हम पृथ्वी से देख सकते हैं, चंद्रमा का निकटतम भाग कहलाता है। चंद्रमा का वह भाग जो पृथ्वी से नहीं देखा जा सकता, चंद्रमा का सुदूर हिस्सा या अंधकारमय पक्ष (डार्क साइड) कहलाता है। चंद्रमा का सुदूर हिस्सा वास्तव में अंधकारमय नहीं होता और यह चंद्रमा के निकट भाग की तरह ही सूर्य के प्रकाश से रोशन होता है।
पृथ्वी से चंद्रमा का एक भाग न देख पाने का मुख्य कारण चंद्रमा की अपनी धुरी पर घूमने की गति और पृथ्वी के चारों ओर उसकी परिक्रमा की गति समान होना है।
चंद्रमा को अपनी धुरी पर घूमने और पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाने में 29 पृथ्वी दिन लगते हैं। इस प्रकार, पृथ्वी से चंद्रमा का केवल एक ही भाग दिखाई देता है, और हम चंद्रमा के दूसरे भाग को देखने में असमर्थ होते हैं।
यदि चंद्रमा घूमना बंद कर दे, तो पृथ्वी पर लोग चंद्रमा के सभी भागों को देख सकते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और पाकिस्तान का पहला चंद्र मिशन
चीनी चांग'ई 6 मिशन में कई देशों ने सहयोग किया है जिसमे यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी, फ्रांस, इटली और पाकिस्तान ने चीनी मिशन में उपकरणों का योगदान दिया है।
चांग'ई 6 मिशन में पाकिस्तान द्वारा विकसित आईक्यूब-क़मर उपग्रह भी है। इस लघु उपग्रह में दो ऑप्टिकल कैमरे हैं जो चंद्रमा की सतह की तस्वीरें ले सकते हैं। यह पाकिस्तान का पहला चन्द्र मिशन है।
पाकिस्तानी अंतरिक्ष एजेंसी को अंतरिक्ष और ऊपरी वायुमंडल अनुसंधान आयोग (SUPARCO) कहा जाता है।