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भारत और अमेरिका के एनएसए की सह-अध्यक्षता में आईसीईटी पर दिल्ली में दूसरी भारत-अमेरिका बैठक

Utkarsh Classes Last Updated 22-06-2024
NSA of India & US Co-chair 2nd India- US meeting on ICET In New Delhi Summit and Conference 4 min read

क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी (आईसीईटी ) पर भारत-अमेरिका पहल की दूसरी बैठक दोनों देशों के बीच 17 जून 2024 को नई दिल्ली में आयोजित की गई। बैठक की सह-अध्यक्षता भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए ) अजीत डोभाल और संयुक्त राज्य अमेरिका (यू.एस.) के एनएसए जेक सुलिवन ने की । नरेंद्र मोदी सरकार के लगातार तीसरी बार शपथ लेने के बाद जेक सुलिवन भारत आने वाले अमेरिकी सरकार के पहले उच्च पदस्थ अधिकारी हैं।

भारत-अमेरिका की क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी (आईसीईटी ) पर दूसरी पहल

मई 2022 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की संयुक्त राज्य अमेरिका यात्रा के दौरान, भारत और अमेरिका दोनों सरकारों तथा दोनों देशों के शैक्षणिक संस्थानों और व्यवसायों के बीच द्विपक्षीय रणनीतिक प्रौद्योगिकी साझेदारी, रक्षा और औद्योगिक सहयोग का विस्तार करने के लिए भारत-अमेरिका आईसीईटी की स्थापना पर सहमत हुए थे । 

आईसीईटी दोनों देशों के बीच अंतरिक्ष, अर्धचालक, उन्नत दूरसंचार, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्वांटम, जैव प्रौद्योगिकी और स्वच्छ ऊर्जा में रणनीतिक सहयोग को गहरा और विस्तारित करने पर केंद्रित है।

पहली आईसीईटी बैठक जनवरी 2023 में वाशिंगटन डी.सी., यू.एस.में आयोजित की गई थी।

भारत अमेरिका सहयोग गहरा करने पर सहमत 

बैठक ख़त्म होने के बाद दोनों देशों की ओर से एक संयुक्त बयान जारी किया गया जिसमें कुछ क्षेत्रों में सहयोग को आगे बढ़ाने की दोनों देशों की प्रतिबद्धता जताई गई।

नवाचार में सहयोग और साझेदारी

भारत और अमेरिका की सरकार ,अगले पांच वर्षों तक यूएस-इंडिया ग्लोबल चैलेंजेज इंस्टीट्यूट को 90 मिलियन डॉलर की राशि  प्रदान करेंगे। 

यह संस्थान सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी और विनिर्माण के क्षेत्र में अनुसंधान में लगे भारत और अमेरिकी विश्वविद्यालयों और संस्थानों के बीच अनुसंधान साझेदारी को बढ़ावा देगा; स्वस्थ समानता और महामारी संबंधी तैयारी, टिकाऊ कृषि और खाद्य सुरक्षा और अन्य महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियां को बढ़ावा देगा।

अंतरिक्ष में साझेदारी 

  • भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) संयुक्त रूप से सिंथेटिक एपर्चर रडार उपग्रह का विकास और प्रक्षेपण करेंगे। यह उपग्रह 12 दिनों में दो बार पूरी पृथ्वी का मानचित्र बनाएगा जो जलवायु परिवर्तन और अन्य वैश्विक चुनौतियों से निपटने में सहायक होगा।
  • नासा, इसरो के अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष उड़ानों और मानव अंतरिक्ष मिशनों में प्रशिक्षण प्रदान करेगा।
  • भारत फरवरी 2025 में आयोजित होने वाले वैंडेनबर्ग स्पेस फोर्स बेस में अमेरिकी अंतरिक्ष कमान के ग्लोबल सेंटिनल अभ्यास में भाग लेगा।

दूरसंचार और मशीन लर्निंग में अनुसंधान 

भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग और अमेरिका का राष्ट्रीय विज्ञान फाउंडेशन अगली पीढ़ी के दूरसंचार, स्वायत्त वाहनों और मशीन लर्निंग में अनुसंधान परियोजनाओं के लिए संयुक्त वित्त पोषण में लगभग 5 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश करेंगे। 

सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में सहयोग

संयुक्त राज्य अमेरिका की जनरल एटॉमिक्स कंपनी और भारतीय कंपनी 3rdiTech संयुक्त रूप से सेमीकंडक्टर डिजाइन और विनिर्माण के सह-विकास पर ध्यान केंद्रित करेंगी।

FAQ

उत्तर: नई दिल्ली, 17 जून 2024।

उत्तर: भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और अमेरिकी एनएसए जेक सुलिवन द्वारा ।

उत्तर: जनवरी 2023 में वाशिंगटन डी.सी., संयुक्त राज्य अमेरिका में।

उत्तर: संयुक्त राज्य अमेरिका की अन्तरिक्ष संस्थान नासा (नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन)।

उत्तर: संयुक्त राज्य अमेरिका की अन्तरिक्ष संस्थान नासा (नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) के साथ ।
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