सीखने के लिए तैयार हैं?
अपने शैक्षणिक लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में पहला कदम उठाएँ। चाहे आप परीक्षा की तैयारी कर रहे हों या अपने ज्ञान का विस्तार कर रहे हों, शुरुआत बस एक क्लिक दूर है। आज ही हमसे जुड़ें और अपनी पूरी क्षमता को अनलॉक करें।
832, utkarsh bhawan, near mandap restaurant, 9th chopasani road, jodhpur rajasthan - 342003
support@utkarsh.com
+91-9829213213
सीखने के साधन
Government Exam
Nursing
Agriculture
NEET/JEE
Engineering
© उत्कर्ष क्लासेज एंड एडुटेक प्राइवेट लिमिटेड सभी अधिकार सुरक्षित
होम
राष्ट्रीय सामयिकी
रक्षा
डीआरडीओ ने अपने पहले लंबी दूरी के ग्लाइड बम गौरव का सफलतापूर्वक परीक्षण किया
Utkarsh Classes
Updated: 14 Aug 2024
2 Min Read
Table of Content
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ ) ने ओडिशा के तट पर अपने लंबी दूरी के ग्लाइड बम, गौरव का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। यह स्मार्ट बम भारतीय वायुसेना के एसयू -30 एमकेआई लड़ाकू विमान से गिराया गया था। इस बम के सफल परीक्षण से भारतीय वायुसेना की युद्धक क्षमता में बढ़ोतरी होने की संभावना है।
लंबी दूरी के ग्लाइड बम स्मार्ट बम हैं जो वायु सेना को ऐसे लक्ष्यों पर हमला करने में सक्षम बनाते हैं जो पारंपरिक हथियारों की पहुंच से परे हैं।
उन्हें लड़ाकू विमान द्वारा दुश्मन की वायु रक्षा प्रणाली से सुरक्षित दूरी पर रहते हुए गिराया जाता है। यह बम, लड़ाकू विमान से गिराए जाने के बाद, अपने पंख फैलाता है और ऑनबोर्ड उपग्रह नेविगेशन प्रणाली द्वारा अपने लक्ष्य तक निर्देशित होता है। इस तरह के बम किसी भी वायु सेना के लिए बहुत उपयोगी होती है। इन बमों को रडार पर पकड़ना बहुत ही कठिन होता है क्योंकि ये छोटे होते हैं और प्रणोदन का उपयोग नहीं करते हैं तथा ये को हीट सिग्नेचर का उत्सर्जन भी नहीं करते हैं जिसे रडार द्वारा पता लगाया जा सकता है।
इनकी इन रणनीतिक खूबियों के कारण ,डीआरडीओ भारतीय वायु सेना के लिए लंबी दूरी का ग्लाइड बम विकसित कर रहा है।
डीआरडीओ की हैदराबाद स्थित अनुसंधान केंद्र इमारत (आरसीआई) प्रयोगशाला भारतीय वायु सेना के लिए गौरव और गौतम नामक लंबी दूरी के ग्लाइड बम विकसित कर रही हैं।
गौरव एक पंखों वाला लंबी दूरी का ग्लाइड बम है जिसका वजन 1000 किलोग्राम है और इसकी ग्लाइड रेंज 100 किमी है।
गौतम बम, जिसका वजन 550 किलोग्राम है, एक गैर-पंख वाला लंबी दूरी का ग्लाइड बम है जिसकी ग्लाइड रेंज 30 किमी है।
गौरव बम में एक हाइब्रिड नेविगेशन सिस्टम है जिसमे इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम (आईएनएस) और ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) है।
डीआरडीओ केंद्रीय रक्षा मंत्रालय के तहत एक प्रमुख रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन है। इसकी स्थापना 1958 में भारतीय सशस्त्र बलों को हथियार प्रणालियों में आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्नत रक्षा तकनीक विकसित करने के लिए की गई थी।
मुख्यालय: नई दिल्ली
डीआरडीओ के अध्यक्ष: डॉ समीर वी कामथ
टॉप पोस्ट
Frequently asked questions
Still have questions?
Can't find the answer you're looking for? Please contact our friendly team.
अपने नजदीकी सेंटर पर विजिट करें।
Get 5 Questions Daily to boost your exam preparation
Apni selected pariksha se juden exam oriented 5 prashn rozana paayen.