न्यायमूर्ति नोंगमेइकापम कोटिस्वर सिंह और न्यायमूर्ति आर महादेवन ने 18 जुलाई 2024 को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। भारत के मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ ने नई दिल्ली मेंसर्वोच्च न्यायालय परिसर में एक समारोह में दोनों न्यायाधीशों को पद की शपथ दिलाई। दोनों न्यायाधीशों के शपथ ग्रहण के साथ, भारत के मुख्य न्यायाधीश सहित सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की कुल संख्या 34 हो गई है।
सर्वोच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश सहित न्यायाधीशों की कुल अधिकतम संख्या 34 हो सकती है।
न्यायमूर्ति नोंगमेइकापम कोटिस्वर सिंह और न्यायमूर्ति आर. महादेवन के बारे में
- न्यायमूर्ति नोंगमेइकापम कोटिस्वर सिंह मणिपुर से हैं और उन्हें अक्टूबर 2011 में गुवाहाटी गौहाटी उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। फरवरी 2024 में, उन्हें जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। उसके बाद उन्हे सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया है।\
- सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने से पहले न्यायमूर्ति आर. महादेवन मद्रास उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश थे।
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति
भारत के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में सर्वोच्च न्यायालय की कॉलेजियम ने 11 जुलाई 2024 को भारत सरकार को सर्वोच्च न्यायालय में नियुक्ति के लिए न्यायमूर्ति नोंगमीकापम कोटिस्वर सिंह और न्यायमूर्ति आर. महादेवन के नामों की सिफारिश की।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान के अनुच्छेद 124(2) के तहत अपनी शक्ति का प्रयोग करते हुए 16 जुलाई 2024 को उन्हें सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया।
भारतीय संविधान के तहत, राष्ट्रपति के पास सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीशों को नियुक्त करने की शक्ति है। इसके लिए राष्ट्रपति मुख्य न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय के अन्य न्यायाधीशों और उच्च न्यायालय के अन्य न्यायाधीशों के साथ परामर्श कर सकती हैं ।
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों का कार्यकाल
- सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश 65 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक अपने पद पर बने रहते हैं।
- वे भारत के राष्ट्रपति को संबोधित कर अपना त्याग पत्र दे सकते हैं ।
- संसद की सिफ़ारिश पर राष्ट्रपति उन्हें पद से हटा सकते हैं ।
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बनने के लिए योग्यता
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने की योग्यता संविधान के अनुच्छेद 124(3) में वर्णित है। किसी व्यक्ति को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया जा सकता है यदि
- वह भारत का नागरिक हो,
- कम से कम 5 वर्षों तक उच्च न्यायालय का न्यायाधीश रहा हो, या
- कम से कम दस वर्षों तक उच्च न्यायालय का वकील रहा हो या
- राष्ट्रपति की राय में एक प्रतिष्ठित न्यायविद् हो ।
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की शपथ
- सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त व्यक्ति द्वारा ली जाने वाली शपथ का प्रारूप संविधान की तीसरी अनुसूची में उल्लिखित है।
- राष्ट्रपति या राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत कोई व्यक्ति सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को शपथ दिलाता है।