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टीसीपीएल जीईएस के साथ जमशेदपुर में देश की "पहली" हाइड्रोजन ईंधन परियोजना

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
Country's "First" Hydrogen Fuel Project At Jamshedpur With TCPL GES Jharkhand 4 min read

झारखंड सरकार ने 25 अगस्त 2023 को जमशेदपुर में देश की "पहली" हाइड्रोजन ईंधन परियोजना स्थापित करने के लिए टीसीपीएल ग्रीन एनर्जी सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड (टीसीपीएल जीईएस) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मौजूदगी में समझौते पर हस्ताक्षर किये गये।  उन्होंने कहा कि यह देश की पहली हाइड्रोजन ईंधन परियोजना है और झारखंड में बने हाइड्रोजन इंजन पूरे भारत में भेजे जायेंगे।

354.28 करोड़ रुपये के निवेश से स्थापित होने वाले इस संयंत्र में 4,000 से अधिक हाइड्रोजन आंतरिक दहन इंजन/ईंधन अज्ञेयवादी इंजन और 10,000 से अधिक बैटरी सिस्टम बनाने की क्षमता होगी।

इस सुविधा से मार्च 2024 में व्यावसायिक उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है और प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 1,000 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।

टीसीपीएल जीईएस टाटा मोटर्स और कमिंस इंक, यूएसए के बीच एक संयुक्त उद्यम है।

परियोजना का महत्व

भारत सरकार परिवहन क्षेत्र में ईंधन के रूप में हरित हाइड्रोजन के उपयोग को प्रोत्साहित कर रही है ताकि पेट्रोल या डीजल जैसे जीवाश्म ईंधन की खपत को कम किया जा सके। परिवहन क्षेत्र जो मुख्यतः  जीवाश्म ईंधन पर चलता है, प्रदूषण के मुख्य स्रोतों में से एक है तथा  ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन का भी मुख्य स्रोत  है, जिसके कारण  ग्लोबल वार्मिंग होती है।

 सरकार का लक्ष्य  2070 तक भारत को कार्बन न्यूट्रल बनाने का है जिसमे हरित हाइड्रोजन की एक मुख्य  भूमिका होगी ।

भविष्य में हरित हाइड्रोजन ईंधन का उपयोग करने वाले इंजनों की भारी मांग होने की संभावना है। यह संयंत्र भविष्य की इन जरूरतों को पूरा करने की दिशा में पहला कदम है।

हाल ही में लेह, लद्दाख में हाइड्रोजन से चलने वाली बसों का ट्रायल रन शुरू हुआ है

हरित हाइड्रोजन क्या है?

यह ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों का उपयोग करके पानी के अणु को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में तोड़ने को संदर्भित करता है। ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोत का अर्थ है जिसका उपयोग बार-बार किया जा सकता है जैसे सौर ऊर्जा, जल विद्युत, पवन ऊर्जा आदि। इसमें कोई कार्बन नहीं होता है  जो वैश्विक तापन (ग्लोबल वार्मिंग) के लिए जिम्मेदार है।

राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन

भारत सरकार ने 2023 में राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन शुरू किया है। इस योजना का प्रारंभिक परिव्यय 19,744 करोड़ रुपये है।

मिशन से 2030 तक निम्नलिखित संभावित परिणाम प्राप्त होंगे:

  • देश में लगभग 125 गीगावाट की संबद्ध अक्षय ऊर्जा क्षमता वृद्धि के साथ प्रति वर्ष कम से कम 5 एमएमटी (मिलियन मीट्रिक टन) की हरित हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता का विकास,
  • आठ लाख करोड़ रुपये से अधिक का कुल निवेश,
  • छह लाख से अधिक रोजगार का सृजन,
  • कुल मिलाकर एक लाख करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के जीवाश्म ईंधन के आयात में कमी,
  • वार्षिक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में लगभग 50 एमएमटी की कमी।

FAQ

उत्तर : टीसीपीएल ग्रीन एनर्जी सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड
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