भारतीय सेना की उत्तरी कमान ने 4.26 करोड़ रुपये मूल्य की 550 स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित असमी (ASMI) सबमशीन गन का ऑर्डर दिया है। यह भारतीय सेना में शामिल होने वाला पहला स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित हथियार है। असमी सबमशीन गन का निर्माण हैदराबाद स्थित लोकेश मशीन लिमिटेड द्वारा किया गया है।
असमी ,अस्मिता का संक्षिप्त रूप है, जिसका अर्थ है गर्व। इसे भारतीय सेना के सहयोग से रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की प्र्योगशाला आयुध अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (एआरडीई), पुणे द्वारा डिजाइन किया गया है ।
असमी का डिज़ाइन को निर्माण के लिए सीएनसी (कम्प्यूटरीकृत न्यूमेरिकल कंट्रोल) मशीन निर्माता लोकेश मशीन्स लिमिटेड को सौंप दिया गया था।
लोकेश मशीन लिमिटेड एयरोस्पेस-ग्रेड एल्यूमीनियम का उपयोग करके तेलंगाना के मेडक जिले में स्थित अपने टूरपैन कारखाने में असमी सबमशीन गन का निर्माण करती है।
एयरोस्पेस-ग्रेड एल्यूमीनियम का उपयोग सबमशीन गन को हल्का और टिकाऊ बनाता है। असमी ,एक सिंगल यूनिबॉडी 9x19 मिमी कैलिबर सबमशीन गन है जिसका वजन 2.4 किलोग्राम से कम है।
इस सबमशीन गन की मैगजीन क्षमता 32 राउंड की है और यह गन 800 राउंड प्रति मिनट की दर से फायर कर सकती है।
यह इज़राइल वेपन इंडस्ट्रीज (आईडब्ल्यूआई) के 'उजी' और जर्मन आग्नेयास्त्र निर्माता हेकलर एंड कोच के 'एम' जैसे अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धियों की तुलना में 10-15% हल्का है।
असमी सबमशीन गन को सेना द्वारा विश्व प्रसिद्ध उजी या एम सबमशीन गन के स्थान पर चुना गया है।
भारतीय सेना को सबमशीन गन सफलतापूर्वक वितरित करने के बाद, कंपनी ने परीक्षण के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी), असम राइफल्स और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को भी असमी सबमशीन गन सौंपी हैं। यदि ये सेनाएं समी सबमशीन गन को स्वीकार करती हैं, तो यह सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान और सशस्त्र बलों की हथियार प्रणाली के स्वदेशीकरण के लिए एक बड़ा बढ़ावा होगा।