भारतीय वायु सेना पश्चिमी कमान अपनी युद्ध क्षमता का परीक्षण करने के लिए 4 से 14 सितंबर 2023 तक देश के उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों में ऑपरेशन त्रिशूल सैन्य अभ्यास आयोजित करेगी। लद्दाख सेक्टर में भारत और चीन के बीच जारी गतिरोध के मद्देनजर यह अभ्यास काफी महत्वपूर्ण है।
नई दिल्ली में स्थित पश्चिमी वायु कमान भारतीय वायु सेना की सबसे बड़ी परिचालन कमान है, जिसके बेस लद्दाख, जम्मू और कश्मीर, पंजाब और हरियाणा में हैं।
10 दिवसीय अभ्यास में लड़ाकू विमानों जैसे राफेल, सुखोई-30 ,मिग-29, और परिवहन विमानों जैसे सी-17 हेवी-लिफ्टर, आईएल-76 आदि के भाग लेने की उम्मीद हैं।
जून 2020 में लद्दाख के गलवान में भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच हुई घातक झड़प जिसमें 20 भारतीय सैनिकों और कई चीनी सैनिकों की मौत हो गई थी के बाद से ही भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव बना हुआ है।
अभी तक दोनों देशों के सीमा वार्ता के कारण गलवान घाटी, पैंगोंग त्सो, गोगरा (पीपी-17ए) और हॉट स्प्रिंग्स (पीपी-15) से दोनों सेनाएं पीछे हट गई हैं लेकिन दौलत बेग ओल्डी सेक्टर के देपसांग और डेमचोक सेक्टर के चार्डिंग नाला जंक्शन (सीएनजे) के विवाद पर कोई प्रगति नहीं हुई है।
भारतीय वायु सेना 2024 में भारत में 'तरंग शक्ति' नामक एक बहु राष्ट्र वायु अभ्यास भी आयोजित करेगी। बहु राष्ट्र वायु अभ्यास में लड़ाकू जेट, सैन्य परिवहन विमान, मध्य हवा में ईंधन भरने वाले और हवाई चेतावनी और नियंत्रण प्रणाली वाले हवाई जहाज शामिल होंगे।
इसकी स्थापना 8 अक्टूबर 1932 को हुई थी। यह केंद्रीय रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आता है।
भारत का राष्ट्रपति वायु सेना का सर्वोच्च कमांडर होता है।
हर साल 8 अक्टूबर को वायुसेना दिवस के रूप में मनाया जाता है।
वायु सेना प्रमुख: एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी
भारतीय वायु सेना की कमान संरचना
क्रमांक |
कमान |
मुख्यालय |
1 |
पश्चिमी वायु कमान |
दिल्लीi |
2 |
दक्षिण-पश्चिमी वायु कमान |
गांधीनगर |
3 |
मध्य वायु कमान |
प्रयागराज |
4 |
पूर्वी वायु कमान |
शिलांग |
5 |
दक्षिणी वायु कमान |
थिरुवनंतपुरम |
6 |
प्रशिक्षण कमान |
बेंगलुरु
|
7 |
अनुरक्षण कमान |
नागपुर |