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शांति स्वरूप भटनागर पुरस्‍कार 2022 के लिए 12 वैज्ञानिकों का चयन

Utkarsh Classes Last Updated 30-12-2023
12 Scientists Selected For Shanti Swarup Bhatnagar Award 2022 Award and Honour 4 min read

वर्ष 2022 के लिए शांति स्वरूप भटनागर पुरस्‍कार के लिए 12 वैज्ञानिकों का चयन किया गया है। इस वर्ष 12 वैज्ञानिकों को सात श्रेणियों में पुरस्कार प्रदान किये जायेंगे।

दो वर्ष के अंतराल के बाद 11 सितंबर 2023 को देश के शीर्ष वार्षिक विज्ञान पुरस्कार, शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कारों की घोषणा की गई है। 

  • वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के महानिदेशक डॉ. एन. कलैसेल्वी ने केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह की उपस्थिति में वर्ष 2022 के पुरस्कारों की घोषणा की। 
  • सीएसआईआर के पहले निदेशक शांति स्वरूप भटनागर के नाम पर, ये पुरस्कार विज्ञान के सात विषयों - भौतिकी, जीव विज्ञान, अभियांत्रिकी, गणित, चिकित्सा, रसायन विज्ञान और पृथ्वी विज्ञान में दिए जाते हैं।
  • इस अवसर पर केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन भारत की तकनीकी क्षमताओं और इसकी आर्थिक ताकत को प्रदर्शित करने का एक बिंदु बन गया। 
  • सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर में आज से एक सप्ताह एक प्रयोगशाला कार्यक्रम शुरू हो गया है जो 16 सितंबर तक चलेगा। यह एक अभियान है जिसके दौरान सीएसआईआर की प्रत्येक प्रयोगशाला एक सप्ताह के दौरान देश के लोगों के सामने अपने विशिष्ट विचारों और तकनीकी सफलताओं का प्रदर्शन करती है।

वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर):

  • स्थापना: सितंबर 1942
  • मुख्यालय: नई दिल्ली
  • अध्यक्ष: भारत का प्रधानमंत्री (पदेन अध्यक्ष)
  • उपाध्यक्ष: केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री (पदेन उपाध्यक्ष)
  • शासी निकाय/संचालक मंडल: महानिदेशक शासी निकाय का प्रमुख होता है।
  • सीएसआईआर भारत का सबसे बड़ा अनुसंधान एवं विकास संगठन है। 
  • इसे विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा वित्तपोषण किया जाता है। यह सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के अंतर्गत एक स्वायत्त निकाय के रूप में पंजीकृत है।

डॉ. शांति स्वरूप भटनागर:

  • डॉ. भटनागर सीएसआईआर के संस्थापक निदेशक थे। डॉ. भटनागर को 12 राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं की स्थापना का श्रेय दिया जाता है।
  • स्वातंत्रता के बाद भारत में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी अवसंरचना के निर्माण और देश की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी नीतियों के निर्माण में उन्होंने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। 
  • डॉ. भटनागर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के प्रथम अध्यक्ष थे।
  • डॉ. भटनागर को ‘ऑर्डर ऑफ ब्रिटिश एम्पायर’ से सम्मानित किया गया था। साथ ही उन्हें वर्ष 1941 में ‘नाइट’ की उपाधि दी गई थी और 1943 में फैलो ऑफ द रॉयल सोसाइटी, लंदन चुने गए थे।
  • डॉ. भटनागर को भारत के राष्ट्रपति द्वारा 1954 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।

FAQ

Ans. - 12 वैज्ञानिकों का चयन
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