रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 5 सितंबर 2024 को लखनऊ, उत्तर प्रदेश में सशस्त्र बलों के पहले संयुक्त कमांडर सम्मेलन की अध्यक्षता की। सशस्त्र बलों के विभिन्न मुद्दों और तीनों सशस्त्र बलों के एकीकरण और एकीकृत थिएटर कमांड पर चर्चा के लिए दो दिवसीय पहला संयुक्त कमांडर सम्मेलन 4-5 सितंबर 2024 को लखनऊ में आयोजित किया गया था।
रक्षा मंत्री ने इस अवसर पर ई-संग्रहालय और ई-ग्रंथालय नामक एप्लिकेशन और 'औपनिवेशिक प्रथाएं और सशस्त्र बल - एक समीक्षा' नामक एक पुस्तक को भी लॉन्च किया।
पहले संयुक्त कमांडर सम्मेलन में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, नौसेना स्टाफ के प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी, रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने भाग लिया।
संयुक्त कमांडर सम्मेलन का विषय था, "सशक्त और सुरक्षित भारत: सशस्त्र बलों का परिवर्तन"।
यह विषय भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत और आधुनिक बनाने के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
पहले संयुक्त कमांडर सम्मेलन का ध्यान भारतीय सुरक्षा के लिए वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों और उनसे निपटने पर चर्चा करने पर था जिसमे मुख्य विषय था ;
सैन्य परिभाषा में थिएटर का तात्पर्य वायु, भूमि या समुद्र पर एक विशिष्ट स्थान से है जो भविष्य में संघर्ष का संभावित क्षेत्र हो सकता है।
2015 में लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) डीबी शेकतकर समिति ने एक भारत में एकीकृत त्रि-सेवा कमांड की स्थापना की सिफारिश की थी।
एकीकृत कमांड का मतलब है कि भारतीय वायु सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय सेना के जवान एक ही कमांड के तहत काम करेंगे। इससे सैन्य संसाधनों के कुशल उपयोग और भारतीय सशस्त्र बलों की युद्ध लड़ने की क्षमता में वृद्धि होने की उम्मीद है।
वर्तमान में थल सेना, वायु सेना और नौसेना की अलग-अलग कमान हैं।
भारत में केवल दो एकीकृत कमांड हैं - अंडमान और निकोबार कमांड और स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड, जो देश के परमाणु हथियारों का प्रभारी है।