इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में 7 सितंबर 2023 को आसियान-भारत शिखर बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत-आसियान सहयोग को मजबूत करने हेतु 12 सूत्रीय प्रस्ताव पेश किया।
दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन आसियान और भारत खाद्य सुरक्षा, पोषण, खाद्य आपूर्ति श्रृंखला तथा श्रीअन्न और जलवायु अनुकुल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में वित्तीय सहयोग करने पर सहमत हुए हैं।
खाद्य सुरक्षा और पोषण को मजबूत करना:
- आसियान देशों और भारत के नेताओं के संयुक्त बयान में संकट के समय खाद्य सुरक्षा और पोषण व्यवस्था को मजबूत करने पर बल दिया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी 12-सूत्रीय प्रस्ताव:
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत-आसियान सहयोग को सशक्त करने के लिए 12-सूत्रीय प्रस्ताव प्रस्तुत किया है।
- इसमें सम्पर्क सुविधा, डिजिटल परिवर्तन, व्यापार और आर्थिक जुड़ाव, समकालीन चुनौतियों का समाधान, लोगों के बीच आपसी सम्पर्क तथा रणनीतिक जुड़ाव को गहरा करना शामिल है।
- पीएम मोदी ने दक्षिण-पूर्व, एशिया-भारत-पश्चिम और एशिया-यूरोप को जोड़ने वाले मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी तथा आर्थिक गलियारे को प्रारंभ करने का प्रस्ताव रखा।
आसियान-भारत कोष:
- प्रधानमंत्री ने आसियान भागीदारों के साथ भारत के डिजिटल सार्वजनिक ढांचागत सुविधाओं को साझा करने की पेशकश की। उन्होंने डिजिटल बदलाव और वित्तीय सम्पर्क सुविधा में सहयोग पर ध्यान केंद्रित करते हुए डिजिटल भविष्य के लिए आसियान-भारत कोष की घोषणा की।
- प्रधानमंत्री मोदी ने सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से ज्ञान के भागीदार के रूप में कार्य करने के लिए आसियान तथा पूर्वी एशिया के आर्थिक और अनुसंधान संस्थान के लिए सहयोग की पेशकश की।
- प्रधानमंत्री मोदी ने बहुपक्षीय मंचों पर ग्लोबल साउथ के सामने आने वाले मुद्दों को सामूहिक रूप से सामने रखने का आह्वान किया।
खाद्यान्न सुरक्षा पर बल:
- आसियान देश और भारत चावल और अन्य प्राथमिक कृषि उत्पादों और पोषक अनाज के बारे में जानकारी के आदान प्रदान की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
- दोनों पक्षों ने खाद्य सुरक्षा और जलवायु संकट को ध्यान में रखते हुए मोटे अनाज के उत्पादन को सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया।
- इसके अलावा दोनों पक्ष व्यापार और खाद्यान्न तथा उर्वरक और कीटनाशक जैसी अन्य कृषि आवश्यकताओं के निर्बाद्ध प्रवाह पर भी राजी हुए।
- आपात स्थिति में मानवीय उद्दश्यों के लिए आसियान देश और भारत के सार्वजनिक भंडारों से सरकारों के बीच खाद्यान्न की आपूर्ति की संभावना का भी उल्लेख किया गया है। भारत और आसियान देश कृषि के क्षेत्र में डिजीटल टेक्नॉलोजी और बुनियादी डिजीटल सुविधा को प्रोत्साहित करने पर सहमत हुए हैं।