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सीजेआई ने सुप्रीम कोर्ट में प्रवेश हेतु ई-पास के लिए 'सुस्वागतम' पोर्टल लॉन्च किया
Utkarsh Classes
Updated: 10 Aug 2023
3 Min Read
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भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई )न्यायमूर्ति डॉ. धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ ने 9 अगस्त 2023 को 'सुस्वागतम' पोर्टल लॉन्च करने की घोषणा की।
'सुस्वागतम' एक वेब आधारित और मोबाइल फ्रेंडली एप्लिकेशन है जो उपयोगकर्ताओं को खुद को ऑनलाइन पंजीकृत करने और अदालत की सुनवाई में भाग लेने, अधिवक्ताओं से मिलने जैसे विभिन्न उद्देश्यों के लिए ई-पास के लिए अनुरोध करने की अनुमति देता है।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, "'सुस्वागतम' पोर्टल का परीक्षण 25 जुलाई, 2023 से एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में किया गया था और इसे उपयोगकर्ताओं से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है।" उन्होंने कहा कि 9 अगस्त तक पायलट आधार पर पोर्टल के माध्यम से 10,000 से अधिक ई-पास जारी किए गए हैं।
अब तक अगर किसी को सुप्रीम कोर्ट में प्रवेश करना होता था तो उसे सुप्रीम कोर्ट में स्तिथ कार्यालय से प्रवेश पास बनवाना पड़ता था जिसमे काफी समय लगता था और लंबी भीड़ हो जाती थी ।
अधिवक्ताओं, वादियों, नागरिकों और सभी हितधारकों के लिए शीर्ष अदालत में आगंतुक प्रबंधन को सरल बनाने के लिए 'सुस्वागतम' का आधिकारिक तौर पर का शुभारंभ किया गया है।
'सुस्वागतम' अधिवक्ताओं, वादियों, प्रशिक्षुओं और अन्य लोगों को खुद को ऑनलाइन पंजीकृत करने और शीर्ष अदालत में प्रवेश के लिए ई-पास के लिए अनुरोध करने में सक्षम करेगा।
26 जनवरी 1950 को प्रवर्तित भारत का संविधान, भारत के सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना का प्रावधान करता है (अनुच्छेद 124)। 28 जनवरी 1950 को भारत का सर्वोच्च न्यायालय अस्तित्व में आया।
भारत के सर्वोच्च न्यायालय को पहले भारत के संघीय न्यायालय के रूप में जाना जाता था जिसे 1937 में भारत सरकार अधिनियम 1935 के तहत स्थापित किया गया था।
भारत के मुख्य न्यायाधीश सहित न्यायाधीशों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने के लिए व्यक्ति के पास निम्नलिखित योग्यताएँ होनी चाहिए;
व्यक्ति भारत का नागरिक होना चाहिए,
कम से कम पाँच वर्ष तक किसी उच्च न्यायालय का न्यायाधीश रहा हो
या
किसी उच्च न्यायालय या ऐसे दो या दो से अधिक न्यायालयों में लगातार कम से कम 10 वर्षों तक वकील हो ,
या
राष्ट्रपति की राय में, वह एक प्रतिष्ठित न्यायविद् होना चाहिए।
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश 65 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर सेवानिवृत्त होते हैं।
सर्वोच्च न्यायालय की कार्यवाही केवल अंग्रेजी में ही संचालित की जाती है।
भारत के प्रथम मुख्य न्यायाधीश: मुख्य न्यायाधीश हरिलाल जे.कानिया
वर्तमान और 50वें मुख्य न्यायाधीश: न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़
परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण फुल फॉर्म
सीजेआई: चीफ़ जस्टिस ऑफ इंडिया
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