राष्ट्रीय सिनेमा दिवस 2022 की सफलता से उत्साहित, मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एमएआई) और देश भर के सिनेमाघर इस साल 13 अक्टूबर को राष्ट्रीय सिनेमा दिवस के रूप में मनाएंगे।
13 अक्टूबर 2023 को सिनेमा हॉल 99 रुपये में मूवी टिकट की पेशकश करेंगे। हालांकि, यह ऑफर रिक्लाइनर और आईएमएएक्स या 4डीएक्स जैसे प्रीमियम फॉर्मेट पर लागू नहीं होगा।
सिनेमा घरों में लोगों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए, एमएआई ने 23 सितंबर, 2022 को पहला राष्ट्रीय सिनेमा दिवस मनाया था । पिछले साल इस दिन, देश भर के सिनेमाघरों में लगभग 65 लाख लोग सिनेमा देखने आए थे। यह देश में एक दिन में फिल्म देखने वालों की अब तक की सबसे अधिक संख्या थी। पिछले साल टिकट की कीमत 75 रुपये थी।
मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया
मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, भारत में मल्टीप्लेक्स ऑपरेटरों का एक संघ है। यह फिक्की (फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री) द्वारा प्रायोजित है।
इसके सदस्य देश में लगभग 75% मल्टीप्लेक्स स्क्रीन संचालित करते हैं।
यह एक लॉबी समूह है जो सिनेमा प्रदर्शनी क्षेत्र के सामने आने वाली विभिन्न चुनौतियों का समाधान करने के लिए विभिन्न नियामक निकायों और उद्योग निकायों के साथ काम करता है।
भारत में सिनेमा का इतिहास
- फ्रांस के लुमियर बंधुओं, ऑगस्टस और लुईस लुमियर ने 1895 में सिनेमैटोग्राफ (जहां से सिनेमा नाम मिला) का आविष्कार किया था।
- भारत में ल्यूमियर बंधुओं ने 17 जुलाई 1896 को मुंबई में भारत का पहला सिनेमा शो मुंबई में आयोजित किया था।
- भारत में बनी पहली पूर्ण फीचर फिल्म 'राजा हरिश्चंद्र' थी। यह धंडीराज गोविंदराज फाल्के या दादा साहेब फाल्के द्वारा बनाई गई एक मूक फिल्म थी और यह 3 मई 1913 को रिलीज़ हुई थी।
- दादा साहब फाल्के को भारतीय सिनेमा का जनक माना जाता है।
- भारत में पहली बोलती फिल्म आलम आरा थी, जो अर्देशिर ईरानी द्वारा बनाई गई थी और 14 मार्च 1931 को रिलीज़ हुई थी।
- भारत में पहली रंगीन फीचर फिल्म 1937 में रिलीज़ हुई किसान कन्या थी। इसका निर्देशन मोती गिडवानी ने किया था।
- भारत में बनने वाली पहली 3डी फिल्म एक तमिल फिल्म, माई डियर कुट्टीचथन थी, जो 1983 में रिलीज़ हुई थी। इसे बाद में हिंदी में डब किया गया और 1984 में छोटा चेतन के नाम से रिलीज़ किया गया।
भारत में सिनेमा उद्योग का उपनाम
दुनिया में सबसे ज़्यादा फिल्म प्रति वर्ष भारत में बनती है । भारत में फ़िल्में विभिन्न भाषाओं में बनाई जाती हैं। भारत के कुछ क्षेत्रों की पहचान एक विशेष भाषा में बनने वाले सिनेमा केंद्रो के रूप में की गई है।
- अमेरिकी फिल्म उद्योग हॉलीवुड के नाम से दुनिया भर में प्रसिद्ध है। यह स्थान संयुक्त राज्य अमेरिका के कैलिफोर्निया में एक स्तिथ है।
- बॉलीवुड: महाराष्ट्र के मुंबई में स्थित फिल्म उद्योग को बॉलीवुड कहा जाता है। यह हॉलीवुड और बॉम्बे (मुंबई का पुराना नाम) का मिश्रण है। यह हिंदी भाषी फ़िल्मों का मुख्य केंद्र माना जाता है ।
- कॉलीवुड: यह तमिल फिल्मों का केंद्र है। यह चेन्नई में कोडंबक्कम का उपनाम है, जहां तमिल फिल्म उद्योग आधारित है। यह कोडंबक्कम और हॉलीवुड का मिश्रण है।
- टॉलीवुड: यह बंगाली फिल्म उद्योग को संदर्भित करता है, जो टॉलीगंज, कोलकाता में स्थित है। यह हॉलीवुड और टॉलीगंज का मिश्रण है।
- तेलंगाना और आंध्र प्रदेश स्थित तेलुगु में बनी फिल्म उद्योग भी टॉलीवुड के नाम से प्रसिद्ध हैं ।
- मॉलीवुड: यह केरल में स्थित मलयालम फिल्म उद्योग को संदर्भित करता है।
- पॉलीवुड: यह पंजाब में स्थित पंजाबी फिल्म उद्योग को संदर्भित करता है।