प्रयागराज में आईएएफ ने 91वें स्थापना दिवस पर अपने नए ध्वज का किया अनावरण
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09-10-2023
Important Day
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8 अक्टूबर, 2023 को वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने प्रयागराज में 91वें वायुसेना दिवस परेड के दौरान भारतीय वायुसेना के नए ध्वज का अनावरण किया। वायुसेना के नए ध्वज को 72 वर्ष पूर्व अपनाए गए ध्वज के स्थान पर लाई गई है।
वायुसेना दिवस की थीम क्या है?
इस वर्ष वायुसेना दिवस की थीम 'आईएएफ - एयरपावर बियोंड बॉनड्रिज (IAF- Airpower Beyond Boundaries) निर्धारित की गई है।
वायुसेना के नए ध्वज की विशेषता:
नए ध्वज के ऊपरी दाएं कोने में फ्लाई साइड की ओर वायु सेना क्रेस्ट (चिह्न) के शीर्ष पर राष्ट्रीय प्रतीक अशोक चिह्न और उसके नीचे देवनागरी में 'सत्यमेव जयते' लिखा है।
अशोक चिह्न के नीचे एक हिमालयी गरुड़ है, जिसके पंख फैले हुए हैं जो भारतीय वायुसेना के युद्ध कौशल को दर्शाता है।
हल्के नीले रंग का एक वलय हिमालयी गरुड़ को घेरे हुए है, जिस पर 'भारतीय वायु सेना' लिखा है।
भारतीय वायु सेना का आदर्श वाक्य 'नभः स्पृशं दीप्तम्' हिमालयी गरुड़ के नीचे देवनागरी में सुनहरे अक्षरों में अंकित है, जिसे भगवद गीता के अध्याय 11 के श्लोक 24 से लिया गया है जिसका अर्थ है 'वैभव के साथ आकाश को छूना।'
परेड में पूरे सम्मान के साथ पुराने ध्वज को उतारा गया जिसे अब संग्रहालय में रखा जाएगा।
वायुसेना प्रमुख के हाथों नए ध्वज का अनावरण होने के बाद उनके सामने दो ड्रोन पर्दे की दीवार के पीछे से नए ध्वज के साथ आए।
भारतीय वायुसेना की स्थापना:
भारतीय वायुसेना की स्थापना 8 अक्टूबर 1932 को हुई थी। इसने 01 अप्रैल 1933 को पहली बार उड़ान भरी। इस एसी फ्लाइट में छह आरएएफ-प्रशिक्षित अधिकारी और 19 सैनिक मौजूद थे।
भारतीय वायुसेना के संस्थापक के रूप में सुब्रोतो मुखर्जी को माना जाता है। देश को आजादी मिलने के बाद एक अप्रैल 1954 को उन्हें प्रथम वायु सेना प्रमुख बनाया गया था। वायुसेना का मुख्यालय दिल्ली में है।
स्वतंत्रता से पूर्व भारतीय वायु सेना को रॉयल इंडियन एयर फोर्स के नाम से जाना जाता था। स्वत्रतोपरांत इसका भारतीय वायु सेना रखा गया।
भारतीय वायुसेना ने 1947, 1948, 1965, 1971 और 1999 कारगिल वार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
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