महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा संचालित देश के पहले टोल प्लाजा मध्यप्रदेश के आगर मालवा, उज्जैन और छतरपुर जिलों में शुरू हो गए है।
यह ऐतिहासिक पहल मप्र कैबिनेट के निर्णय के कारण संभव हो सकी है जिसके अनुसार 2 करोड़ रुपए तक कलेक्शन वाले टोल प्लाजा का प्रबंधन महिला स्व सहायता समूहों को दिया जाएगा ताकि उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत किया जा सके।
शाजापुर-दोपड़ा नलखेड़ा मार्ग पर चाचाखेड़ी गांव में स्थित टोल प्लाजा का संपूर्ण प्रबंधन और संचालन ज्योति महिला स्व-सहायता समूह करेगा। श्रीमती राजू बाई इसकी अध्यक्ष हैं।
वराहमिहिर आजीविका संकुल स्तरीय संगठन कायथा, उज्जैन, कायथा टोल प्लाजा का प्रबंधन करेगा। श्रीमती कौशर परवीन इसकी अध्यक्ष हैं। प्रगति सामुदायिक महिला आजीविका संगठन छतरपुर में संजयनगर टोल का प्रबंधन सम्हालेगा।
क्या है एम.ओ.यू. में ?
- मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम ने महिलाओं के स्व-सहायता समूहों के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए। मुख्यमंत्री ने महिलाओं के लिए यह अनूठी पहल का मार्गदर्शन किया।
- समझौते के अनुसार, टोल प्लाजा का प्रबंधन करने वाले महिला समूह को टोल कलेक्शन का 30% मिलेगा बाकी का हिस्सा एमपीआरडीसी को मिलेगा। कैबिनेट निर्णय के तुरंत बाद, समूह के सदस्यों को मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा प्रशिक्षण दिलाया गया। टोल प्लाजा प्रबंधक राजेश पाण्डेय ने उन्हें टोल प्लाजा प्रबंधन के तकनीकी पहलू के बारे में प्रशिक्षित किया।
- एमपीआरडीसी इंटरनेट, कनोपी, इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करायेगा। एमपीआरडीसी के विभागीय प्रबंधक समूह की महिला सदस्यों का मार्गदर्शन करेंगे और उन्हें समय समय पर सहयोग करेंगे। महिला समूह केवल अपने सदस्यों के माध्यम से टोल कलेक्शन करेगा। इस कार्य को किसी अन्य एजेंसी को नहीं सौंप सकेगा। यदि टोल कलेक्शन 2 करोड़ रुपए से अधिक होता है तो यह कार्य एमपीआरडीसी करेगा। महिला सदस्यों का जीवन बीमा किया जायेगा।
- टोल कलेक्शन राशि को हर दिन संयुक्त बैंक खाते में जमा किया जाएगा। टोल कलेक्शन राशि से पहले इंटरनेट, बिजली, पानी जैसी टोल प्लाजा की अन्य प्रशासनिक व्यवस्थाओं में खर्च किया जाएगा। प्रारंभ में सफाई, रिकॉर्ड रखने, बैक संबंधी कार्य समूह द्वारा किए जाएंगे।