एयर इंडिया की उड़ान संख्या AI 171, 12 जून 2025 को सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे, अहमदाबाद, गुजरात से उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। दुर्घटना में 200 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है।
बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान,अहमदाबाद से गैटविक हवाई अड्डे, लंदन, इंग्लैंड के लिए रवाना हुआ था।
2011 में बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान के व्यावसायिक परिचालन की शुरुवात के बाद ये पहली बार है जब इस श्रेणी की विमान, विश्व में दुर्घटनाग्रस्त हुआ है।
टाटा समूह एयर इंडिया का मालिक है।
दुर्घटना में केवल एक व्यक्ति जीवित बचा
- अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने वाले इस विमान का हवाई यातायात नियंत्रण (एटीसी) केंद्र से उड़ान भरने के कुछ ही मिनट में संपर्क टूट गया और विमान सीधे बीजे मेडिकल कॉलेज के छात्रावास के मेस से टकरा कर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
- उस समय छात्रावास के मेस में भोजन का समय था और इस हादसे में कम से कम पांच मेडिकल छात्रों की मौत हो गई है।
- विमान में 242 लोग सवार थे - 230 यात्री और 12 चालक दल के सदस्य।
- एयर इंडिया के अनुसार, 230 यात्रियों में से 169 भारतीय नागरिक, 53 ब्रिटिश नागरिक, सात पुर्तगाली और एक कनाडाई थे।
- एक यात्री, ब्रिटिश नागरिक, विश्वाश कुमार रमेश, चमत्कारिक रूप से दुर्घटना में बच गया।
- गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपानी भी विमान में सवार थे और इस दुखद दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई।
दुर्घटना और ब्लैक बॉक्स की जांच
विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो ने एयर इंडिया दुर्घटना की जांच शुरू कर दी है।
- विमान जांच ब्यूरो की स्थापना भारत सरकार ने 30 जुलाई, 2012 को नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तहत की थी।
- विमान जांच ब्यूरो को भारत में या दुनिया में कहीं भी भारत में पंजीकृत एयरलाइन से जुड़ी किसी भी हवाई दुर्घटना की जांच करने का अधिकार है।
- अमेरिकी कंपनी बोइंग भी एयर इंडिया दुर्घटना की जांच के लिए एक टीम भेज रही है।
- जांचकर्ता एयर इंडिया विमान के ब्लैक बॉक्स का उपयोग यह पता लगाने के लिए करेगा कि उसके साथ क्या हुआ और दुर्घटना का कारण क्या था।
ब्लैक बॉक्स क्या है?
ब्लैक बॉक्स, हवाई जहाज़ पर लगा फ़्लाइट रिकॉर्डर है जो उड़ान के दौरान विमान के प्रदर्शन और स्थिति को रिकॉर्ड करता है।
इसका आविष्कार ऑस्ट्रेलिया के डॉ. डेविड रोनाल्ड डी मे वॉरेन ने किया था।
ऑस्ट्रेलिया दुनिया का पहला देश था जिसने सभी हवाई जहाजों के लिए ब्लैक बॉक्स अनिवार्य कर दिया था।
आम तौर पर, एक विमान में दो ब्लैक बॉक्स लगे होते हैं: फ़्लाइट डेटा रिकॉर्डर (एफ़डीआर) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीवीआर)।
एफ़डीआर, विमान की स्थिति जैसे कि हवा की गति, ऊँचाई, हेडिंग, ऊर्ध्वाधर त्वरण आदि को रिकॉर्ड करता है।
सीवीआर, विमान के कॉकपिट में चालक दल के सदस्यों के बीच मौखिक संवाद और रेडियो ध्वनि प्रसारण को रिकॉर्ड करता है।
ब्लैक बॉक्स,एक स्टेनलेस स्टील के आवरण में बंद होते हैं ताकि वे जो जोरदार टक्कर, उच्च तापमान और दबाव की स्थिति में बच सके और इसमे कैद महत्वपूर्ण आंकड़े को पढ़ा जा सके।
ब्लैक बॉक्स में एक सोनार भी लगा होता है जो समुद्र में विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने पर कम से कम 30 दिनों तक सिग्नल भेजता रहता है।
ब्लैक बॉक्स का रंग
- सीवीआर और एफडीआर का रंग अंतर्राष्ट्रीय नारंगी (इंटरनेशनल ऑरेंज) हैं। इस रंग का इस्तेमाल एयरोस्पेस उद्योग में वस्तुओं को उनके आस-पास की चीज़ों से अलग करने के लिए किया जाता है।
- इसे ब्लैक बॉक्स इसलिए कहा जाता है क्योंकि पहले डिवाइस में प्लेन में होने वाली घटनाओं को रिकॉर्ड करने के लिए चुंबकीय टेप का इस्तेमाल किया जाता था। इसे एक खोल में कसकर बंद किया जाता था ताकि प्रकाश इस डिवाइस में प्रवेश न कर सके और फिल्म को खराब न कर सके। इसलिए, इसे ब्लैक बॉक्स कहा जाता था।