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हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायिका मालिनी राजूरकर नहीं रहीं

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
Malini Rajurkar ,Hindustani classical vocalist no more Person in News 5 min read

प्रसिद्ध हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायिका और संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार विजेता मालिनी राजुरकर का 6 सितंबर 2023 को उम्र संबंधी बीमारियों के कारण हैदराबाद में निधन हो गया। वह 82 वर्ष की थीं।

मालिनी राजुरकर का जन्म 1941 में राजस्थान के अजमेर में हुआ था। उन्होंने गोविंदराव राजुरकर और उनके भतीजे वसंतराव राजुरकर, जो उनके बाद में उनके पति बने, के मार्गदर्शन में अजमेर संगीत कॉलेज से संगीत की शिक्षा ली।

वह ग्वालियर घराने की प्रतिपादक के साथ -साथ 'ख्याल' और 'टप्पा' शैली की अग्रणी गायिका में से एक थीं।

भारत में शास्त्रीय संगीत

भारत में यह माना जाता है कि 13वीं शताब्दी ई. तक देश में संगीत कमोबेश एकीकृत था। बाद में यह धीरे-धीरे हिंदुस्तानी और कर्नाटक  शैलियों में विभाजित हो गया। भारत सरकार भी भारत में दो प्रकार के शास्त्रीय संगीत को मान्यता देती है, कर्नाटक और हिंदुस्तानी।

कर्नाटक शास्त्रीय संगीत मूल रूप से दक्षिण भारतीय राज्यों केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना तक ही सीमित है। एम.एस. सुब्बालक्ष्मी प्रसिद्ध कर्नाटक गायकों में से एक हैं।

शेष भारत में शास्त्रीय संगीत को हिंदुस्तानी संगीत के रूप में मान्यता प्राप्त है।

हालाँकि कर्नाटक और आंध्र में कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत भी प्रचलित है।

हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत

ध्रुपद और ख्याल हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के दो प्रमुख रूप हैं।

ध्रुपद नाद योग के अभ्यास पर आधारित एक गायन परंपरा है और इसे रुद्र वीणा और सुर सिंगार जैसे वाद्ययंत्रों पर प्रस्तुत किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि ध्रुपद का उद्भव सामवेद के पाठ से हुआ। इसे राजपूत राजाओं और मुगल सम्राटों दोनों का संरक्षण प्राप्त था। प्रसिद्ध ध्रुपद गायक जकीरुद्दीन खान और अल्लाबंदे खान हैं जिन्होंने डागर बंधु का नाम अपनाया।

ख्याल

ख़याल या खयाल एक फ़ारसी शब्द है जिसका अर्थ है कल्पना। आमतौर पर इसकी उत्पत्ति 14वीं शताब्दी ईस्वी की सूफी परंपरा में मानी जाती है।

ख्याल एक गायन परंपरा है जो आमतौर पर तबला और तंबूरा के साथ होती है।

ख्याल के घराने

ख़याल के कई स्कूल या घराने हैं जिनकी स्थापना विभिन्न व्यक्तियों या राजाओं या कुलीनों जैसे संरक्षकों द्वारा की गई है।

ग्वालियर घराना

यह शास्त्रीय हिंदुस्तानी संगीत के ख्याल रूप का सबसे पुराना घराना है। इसकी स्थापना नाथन पीरबख्श ने की थी जो ग्वालियर में बस गए थे। इस घराने के कुछ प्रमुख संगीतकार कृष्ण राव शंकर पंडित, राजा भैया पूंछवाले आदि हैं।

आगरा घराना

आगरा घराने की स्थापना का श्रेय आगरा के खुदा बख्श को दिया जाता है। आगरा घराने के कुछ प्रसिद्ध संगीतकार विलायत हुसैन खान और फैयाज खान हैं।

जयपुर अतरोली घराना

जयपुर अतरोली घराना 19-20वीं सदी के अल्लादिया खान से जुड़ा है। कुछ प्रसिद्ध संगीतकार मलिकार्जुन मंसूर, किशोरी अमोनकर हैं।

रामपुर सहसवान घराना

सबसे पहला गायक रामपुर, उत्तर प्रदेश से आया था। निसार हुसैन खान, राशिद खान इस घराने से संबंधित हाल के समय के दो प्रमुख संगीतकार हैं।

परीक्षा में संभावित  प्रश्न

Q1. मालिनी राजुरकर जिनका हाल ही में निधन हो गया, किस क्षेत्र से संबंधित हैं?

उत्तर : हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायक

Q2. मालिनी राजुरकर हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के ख़्याल रूप के किस घराने से संबंधित थीं?

उत्तर : ग्वालियर

Q3. भारत में शास्त्रीय संगीत के दो रूप हैं। एक है हिंदुस्तानी और दूसरा —?

उत्तर: कर्नाटक

Q4. हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के किस रूप की उत्पत्ति सामवेद से मानी जाती है?

उत्तर : ध्रुपद

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