फरवरी, 2023 में नागालैंड का राज्यपाल नियुक्त भाजपा के वरिष्ठ नेता ला गणेशन का चेन्नई में निधन हो गया।
- नागालैंड के राज्यपाल ला गणेशन का चेन्नई में निधन हो गया। वह 80 वर्ष के थे। शहर के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था और जहाँ उन्होंने अंतिम सांस ली।
- इसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को अपने कर्तव्यों के अतिरिक्त नागालैंड के राज्यपाल के कार्यों का निर्वहन करने के लिए नियुक्त किया है।
- भाजपा के वरिष्ठ नेता ला गणेशन को किया गया था। इससे पहले, उन्होंने मणिपुर के राज्यपाल के रूप में कार्य किया और कुछ समय के लिए पश्चिम बंगाल का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला।
ला गणेशन के बारे में
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अविवाहित गणेशन, ने हाल ही में चेन्नई में अपना 80वाँ जन्मदिन भव्य तरीके से मनाया था। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे।
- तमिलनाडु के तंजावुर जिले के मूल निवासी, गणेशन कर्नाटक संगीत के गहरे प्रशंसक थे और तिरुवैयारु में होने वाले वार्षिक त्यागराज आराधना में ज़रूर शामिल होते थे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से उनका जुड़ाव उनके स्कूल के दिनों से ही शुरू हो गया था और उनका परिवार भी इस संगठन से गहराई से जुड़ा हुआ था।
- वर्ष 1991 में उन्हें तमिलनाडु में भाजपा के निर्माण में मदद करने के लिए नियुक्त किया गया और बाद में पार्टी के काम पर ध्यान केंद्रित करने के लिए उन्होंने आरएसएस के उप-संगठन सचिव पद से इस्तीफा दे दिया। वे भाजपा की तमिलनाडु इकाई के महासचिव और अध्यक्ष रहे।
राजनीतिक भविष्य
- राष्ट्रीय स्तर पर, वे भाजपा उपाध्यक्ष के पद पर रहे। उन्होंने दक्षिण चेन्नई लोकसभा क्षेत्र से दो बार चुनाव लड़ा, हालाँकि असफल रहे। 2017 में, तत्कालीन सांसद नजमा हेपतुल्ला को मणिपुर का राज्यपाल नियुक्त किए जाने के बाद, श्री गणेशन मध्य प्रदेश से राज्यसभा के लिए चुने गए।
- श्री गणेशन भाजपा के तमिल मुखपत्र ओरे नाडु (एक राष्ट्र) के संपादक भी रहे और पोट्टरामराय ('स्वर्ण कमल') के संस्थापक अध्यक्ष थे, जो दुनिया भर में तमिल विद्वानों को बढ़ावा देने और उनका समर्थन करने के लिए समर्पित एक संगठन है।
राज्य के राज्यपालों के बारे में
- संविधान का अनुच्छेद 153 भारत के प्रत्येक राज्य के लिए एक राज्यपाल का प्रावधान करता है। राज्य का राज्यपाल राज्य कार्यकारिणी का प्रमुख होता है।
- राज्यपालों की नियुक्ति प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली केंद्रीय मंत्रिपरिषद की सलाह पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
- राष्ट्रपति द्वारा राज्यपाल का एक राज्य से दूसरे राज्य में स्थानांतरण किया जा सकता है।
योग्यता
- भारत का नागरिक होना चाहिए और उसकी आयु कम से कम 35 वर्ष होनी चाहिए।
- कोई लाभ के पद पर आसीन ना हो।
- संसद या राज्य विधानमंडल का सदस्य ना हो।
- (संसद या राज्य विधानमंडल का सदस्य राज्यपाल बन सकता है, लेकिन राज्यपाल के रूप में शपथ लेने से पहले उसे संसद या राज्य विधानमंडल से इस्तीफा देना पड़ता है।)
- कोई व्यक्ति कितनी बार किसी राज्य का राज्यपाल बन सकता है, इस पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
राज्यपाल का कार्यकाल
- राज्यपाल का सामान्य कार्यकाल पाँच वर्ष का होता है, लेकिन राज्यपाल राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत पद धारण करता है।
- इसका मतलब है कि राष्ट्रपति उसे किसी भी समय पद से हटा सकते हैं।
- राज्यपाल, राष्ट्रपति को लिखित में अपना इस्तीफा सौंपकर, पद त्याग सकता है।
वेतन और परिलब्धियाँ
- संसद, राज्यपाल की परिलब्धियाँ, भत्ते और विशेषाधिकार निर्धारित करती है और उनके कार्यकाल के दौरान इन्हें कम नहीं किया जा सकता है।
- राज्यपाल का वर्तमान वेतन 3.5 लाख रुपये प्रति माह है और यह संविधान की दूसरी अनुसूची में उल्लिखित है। वेतन का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाता है।
- यदि कोई व्यक्ति एक से अधिक राज्यों का राज्यपाल है तो उसका वेतन राष्ट्रपति द्वारा तय किये गये फार्मूले के अनुसार राज्यों के बीच बाँटा जाता है।
- राज्यपाल को किराया-मुक्त आधिकारिक आवास मिलता है।
- राज्यपाल किसी भी पेंशन का हकदार नहीं है।