भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के उप प्रमुख एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित ने 8 सितंबर 2023 को बेंगलुरु में हिंदुस्तान टर्बो ट्रेनर एयरक्राफ्ट-40 (एचटीटी-40) उड़ाया।
हिंदुस्तान टर्बो ट्रेनर एयरक्राफ्ट-40 को मुख्यतः भारतीय सशस्त्र बलों के प्रशिक्षण देने के लिए तैयार किया गया।
- हिंदुस्तान टर्बो ट्रेनर एयरक्राफ्ट-40 को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के विमान अनुसंधान और डिजाइन केंद्र द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है। यह भारत के सशस्त्र बलों की प्रशिक्षण आवश्यकताओं पर आधारित है।
- एचटीटी-40 ने पहली बार 31 मई 2016 को उड़ान भरी और 06 जून 2022 को सिस्टम स्तर का प्रमाणपत्र प्राप्त किया।
- सैन्य उड़ान योग्यता और प्रमाणन केन्द्र की मंजूरी से पूरा विमान अभी चल रहा है। अर्थात अभी भी इस विमान को कई सर्टिफिकेशन के दौर से गुजरना शेष है।
हिंदुस्तान टर्बो ट्रेनर एयरक्राफ्ट-40 की विशेषता:
- एचटीटी-40 एक पूरा एरोबेटिक विमान है।
- एचटीटी-40 चार ब्लेड वाले टर्बो-प्रोप इंजन द्वारा संचालित है।
- यह एक अत्याधुनिक ग्लास कॉकपिट, आधुनिक एवियोनिक्स और जीरो-जीरो इजेक्शन सीट सहित नवीनतम सुरक्षा सुविधाओं से सुसज्जित है।
- एचटीटी-40 की अधिकतम गति 450 किलोमीटर प्रति घंटा और अधिकतम सर्विस सीलिंग छह किलोमीटर है। अर्थात ये विमान 6 किमी तक के रेंज में उड़ान भर सकता है।
मार्च 2030 तक होगी आईएएफ को 70 विमानों की आपूर्ति:
- भारतीय वायु सेना ने 70 विमानों की आपूर्ति के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए।
- भारतीय वायु सेना को इन विमानों की आपूर्ति 15 सितम्बर 2025 को आरंभ होगा और 15 मार्च 2030 तक सभी विमान उपलब्ध करा दिया जाएगा।
एचटीटी-40 भारतीय सशस्त्र बलों के प्रारंभिक पायलटों की प्रशिक्षण गुणवत्ता को बढ़ाएगा।
खरीद में विमान के लिए एक पूर्ण मिशन सिम्युलेटर भी शामिल होगा जो हवाई प्रशिक्षण का पूरक होगा, जिससे पायलटों को उड़ान से पहले जमीन पर विभिन्न अभ्यास कर सकेगें।
एचटीटी-40 सरकार के 'आत्मनिर्भर भारत' की कल्पना के अनुरूप रक्षा और विमानन क्षेत्र में अधिक आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में एक और कदम है।
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल):
- इसे 1940 में बैंगलोर (अब बेंगलुरु) में वालचंद हीराचंद द्वारा हिंदुस्तान एयरक्राफ्ट लिमिटेड के रूप में स्थापित किया गया था।
- इसे भारत सरकार ने अपने अधिकार में ले लिया और 1 अक्टूबर 1964 को इसे एरोनॉटिक्स इंडिया लिमिटेड में विलय कर दिया और इसका नाम बदलकर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड कर दिया गया।
- इसका मुख्य व्यवसाय विमान, हेलीकॉप्टर, इंजन और संबंधित सिस्टम जैसे एवियोनिक्स, इंस्ट्रूमेंट्स और एक्सेसरीज का डिजाइन, विकास, निर्माण, मरम्मत और ओवरहाल करना है।
- यह रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आता है।
- मुख्यालय: बेंगलुरु