उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने काशी (वाराणसी) में देश का पहला हिंदी साहित्य संग्रहालय स्थापित करेगी। यह संग्रहालय किसी भाषा को समर्पित देश का पहला संग्रहालय होगा।
कोलकाता में रवीन्द्रनाथ टैगोर को समर्पित एक साहित्यिक संग्रहालय है, लेकिन काशी में प्रस्तावित संग्रहालय देश का पहला भाषा-आधारित संग्रहालय होगा।
उत्तर प्रदेश सरकार ने परियोजना के लिए 25 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
संग्रहालय में सभी प्रतिष्ठित हिंदी विद्वानों की पुरानी पांडुलिपियों और पुस्तकों का संरक्षण और प्रदर्शन किया जाएगा। संग्रहालय में प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकारों की कृतियों के साथ-साथ उनकी तस्वीरें, महत्वपूर्ण दस्तावेज और संबंधित साहित्य भी उपलब्ध होगा। संग्रहालय में हिंदी विद्वानों की प्रतिमाएं भी होंगी और एक एम्फीथिएटर और एक सभागार भी होगा।
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के उन किसानों को मुआवजे के रूप में 163.151 करोड़ रुपये जारी किए हैं जिनकी फसलें हाल ही में आई बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हो गई हैं।
उत्तर प्रदेश में बेमौसम बारिश,ओलावृष्टि, और बाढ़ के कारण 33 प्रतिशत से अधिक फसल नुकसान होने पर राज्य सरकार किसानों को मुआवजा देती है।
नेपाल से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने और उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों से नदियों के अतिप्रवाह के कारण राज्य के 34 जिलों में लगभग 1,10,989.26 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है।
लखीमपुर खीरी राज्य का सबसे अधिक प्रभावित जिला है जहां शारदा और घाघरा नदियों के कारण बड़े पैमाने पर बाढ़ आई थीं और ज़िले में धान की खड़ी फसल बर्बाद हो गई थी। राज्य सरकार से सबसे ज्यादा मुआवजा भी लखीमपुर खीरी के किसानों को मिला है।
कुशीनगर में नारायणी (गंडक) नदी के कारण बाढ़ आई है, घाघरा नदी के कारण बाराबंकी, अयोध्या और बलिया में, गोरखपुर में राप्ती नदी के कारण, सिद्धार्थ नगर में बूढ़ी राप्ती के कारण और गोंडा में कुवानो नदी के कारण बाढ़ आई है।
अन्य प्रभावित जिले हैं अम्बेडकरनगर, औरैया, आज़मगढ़, बदायूँ, बहराईच, बलरामपुर, बांदा, बाराबंकी, बस्ती, बुलन्दशहर, फर्रुखाबाद, हमीरपुर, हरदोई, हाथरस, जालौन, झाँसी, कानपुर देहात, कुशीनगर, मऊ, मिर्ज़ापुर, पीलीभीत, रामपुर, सहारनपुर, शाहजहाँपुर, श्रावस्ती, सीतापुर और वाराणसी।