मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा राजस्थान राज्य गुरु गोरखनाथ बोर्ड का गठन किया गया है। यह बोर्ड जोगी, योगी, नाथ जाति वर्ग की समस्याओं को चिन्हित कर प्रमाणिक सर्वे रिपोर्ट के आधार पर इन वर्गों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने तथा पिछड़ेपन को दूर करने के सुझाव राज्य सरकार को देगा।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा बोर्ड गठन के प्रस्ताव को स्वीकृति दिए जाने के बाद सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए है।
गुरु गोरखनाथ भारत के पारंपरिक खजाने शाश्वत ज्ञान और योग परंपराओं के प्रतीक थे। गुरु श्री गोरखनाथ भी धार्मिक और आध्यात्मिक क्षेत्र में दुनिया की सबसे लंबी गुरु-शिष्य वंशावली में से एक चमकदार कड़ी हैं। महायोगी की छवि 35 का प्रकाश फैलाती है जिसके माध्यम से ब्रह्मांडीय ऊर्जा और भारतीय ज्ञान परंपरा का शाश्वत ज्ञान उत्सर्जित और गूंजता है।
बोर्ड द्वारा समाज के कल्याण हेतु विभिन्न योजनाएं प्रस्तावित करने, वर्तमान में संचालित योजनाओं के संबंध में विभिन्न विभागों से समन्वय करने, रोजगार को बढ़ावा देने, समाज के शैक्षिक एवं आर्थिक उन्नयन, समाज के परम्परागत व्यवसाय को वर्तमान तौर-तरीकों से आगे बढ़ाने के संबंध में सुझाव दिए जाएंगे।