भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिक प्रहलाद चंद्र अग्रवाल और अनिल भारद्वाज को अंतरिक्ष अनुसंधान में उनके योगदान के लिए दक्षिण कोरिया के बुसान शहर आयोजित अपनी द्विवार्षिक बैठक में अंतरिक्ष अनुसंधान समिति (सीओएसपीएआर ) द्वारा सम्मानित किया गया।
45वीं सीओएसपीएआर वैज्ञानिक असेंबली 13 -21 जुलाई 2024 तक बुसान, दक्षिण कोरिया में आयोजित की जा रही है।
प्रसिद्ध अंतरिक्ष वैज्ञानिक प्रह्लाद चंद्र अग्रवाल को हैरी मैसी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। हैरी मैसी पुरस्कार किसी व्यक्ति को अंतरिक्ष अनुसंधान में उसके उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है, जिसके लिए नेतृत्व की भूमिका विशेष रूप से महत्वपूर्ण होती है।
पुरस्कार के हिस्से के रूप में एक छोटे ग्रह का नाम प्रोफेसर अग्रवाल के नाम पर भी रखा गया।
प्रोफेसर(सेवानिवृत्त) प्रह्लाद चंद्र अग्रवाल मुंबई, महाराष्ट्र में स्थित टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च में खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी विभाग में प्रोफेसर थे।
प्रोफेसर अग्रवाल ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एस्ट्रोसैट कार्यक्रम का भी नेतृत्व किया, जो एक्स-रे, ऑप्टिकल और यूवी स्पेक्ट्रल बैंड में आकाशीय स्रोतों का अध्ययन करने के लिए समर्पित था। इसरो ने 2015 में एस्ट्रोसैट मिशन प्रक्षेपित किया था।
प्रोफेसर अग्रवाल चंद्रयान -1 मिशन का भी हिस्सा थे, जिसे इसरो ने चंद्रमा का अध्ययन करने के लिए 22 अक्टूबर 2008 को प्रक्षेपित किया था।
मुख्यालय: पेरिस, फ्रांस
फुलफॉर्म
सीओएसपीएआर /COSPAR : कमेटी ऑन स्पेस रिसर्च (Committee on Space Research).