प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 सितंबर 2024 को महाराष्ट्र में स्थित बिडकिन औद्योगिक क्षेत्र को वस्तुतः राष्ट्र को समर्पित किया। छत्रपति संभाजी नगर से 20 किमी दक्षिण में स्थित बिल्किन औद्योगिक क्षेत्र, दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे (डीएमआईसी) का हिस्सा है।
मुख्य समारोह पुणे में आयोजित किया गया, जहां महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
यह परियोजना केंद्र सरकार के "मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड" कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य क्षेत्र में औद्योगिक विकास, आर्थिक समृद्धि और सतत विकास को बढ़ावा देना है।
भारत सरकार ने 25 सितंबर 2015 को मेक इन इंडिया कार्यक्रम शुरू किया है और 2024 में इसके 10 वर्ष पूरे हो गए।
महाराष्ट्र इंडस्ट्रियल टाउनशिप लिमिटेड ने शेंडेन बिडकिन औद्योगिक क्षेत्र को विकसित किया है। महाराष्ट्र इंडस्ट्रियल टाउनशिप लिमिटेड एक विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) है जिसका गठन महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (एमआईडीसी) और राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास और कार्यान्वयन ट्रस्ट (एनआईसीडीआईटी) ने किया है।
भारत सरकार एनआईसीडीआईटी का मालिक है।
एसपीवी में एमआईडीसी की 51 फीसदी हिस्सेदारी है, जबकि एनआईसीडीआईटी की 49 फीसदी हिस्सेदारी है।
बिडकिन औद्योगिक क्षेत्र 7,855 एकड़ में फैला हुआ है और इसे 6,414 करोड़ रुपये की लागत से तीन चरणों में विकसित किया गया है।
यह परियोजना दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे के हिस्से के रूप में राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम (एनआईसीडीपी) के तहत विकसित की गई है।
देश के औद्योगिक बुनियादी ढांचे को विकसित करने और औद्योगिक क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए, भारत सरकार ने राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम (एनआईसीडीपी) शुरू किया।
एनआईसीडीपी एक केंद्रीय सरकार की योजना है, जिसे केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार के साथ साझेदारी में संयुक्त रूप से विकसित किया जा रहा है।
बाद में, एनआईसीडीपी को नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन प्रोजेक्ट का हिस्सा बन दिया गया है , जिसे केंद्र सरकार ने 2019 में शुरू किया है ।
एनआईसीडीपी के तहत, 44 औद्योगिक नोड्स/क्षेत्रों/स्मार्ट शहरों के साथ 11 औद्योगिक गलियारे चार चरणों में विकसित किए जा रहे हैं।
कार्यक्रम का उद्देश्य प्लॉट स्तर तक संपूर्ण "प्लग-एंड-प्ले" बुनियादी ढांचे के साथ मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी प्रदान करना और लचीले और टिकाऊ भविष्य के लिए तैयार शहरों का निर्माण करना है।
सरकार द्वारा 2007 में स्वीकृत दिल्ली मुंबई औद्योगिक गलियारा (डीएमआईसी) परियोजना, पहला औद्योगिक गलियारा है। इसे जापान की मदद से विकसित किया जा रहा है।
भारत में औद्योगिक गलियारे
देश में स्वीकृत 11 औद्योगिक गलियारे हैं:
महत्वपूर्ण फुल फॉर्म
(National Industrial Corridor Development and Implementation Trust).