भारत सरकार ने आगामी खरीफ कृषि मौसम के लिए लगभग 1.3 करोड़ किसानों को कृषि ज्ञान और उपकरणों से सशक्त बनाने के लिए एक राष्ट्रव्यापी, “विकसित कृषि संकल्प अभियान” शुरू किया है। इस अभियान को पूरा करने के लिए अभियान अवधि के दौरान, विशेषज्ञों और सरकारी अधिकारियों की एक टीम किसानों के घर-घर जाएगी।
29 मई 2025 को ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की मौजूदगी में केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भुवनेश्वर में स्थित ओडिशा कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय परिसर में विकसित कृषि संकल्प अभियान का औपचारिक शुभारंभ किया।
अभियान की अवधि
- पूरे देश में 29 मई से 12 जून 2025 तक।
अभियान के आयोजक
- भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सहयोग से यह अभियान शुरू किया गया है।
अभियान का कार्यान्वयन
- कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) प्रमुख कार्यान्वयन एजेंसी है।
- देश के सभी 731 केवीके ,राज्य/संघ शासित प्रदेशों के कृषि, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन विभागों, कृषि विश्वविद्यालयों और 113 आईसीएआर अनुसंधान संस्थानों के सहयोग से इस अभियान का कार्यान्वयन कर आढ़े हैं।
- अभियान को न्योमा, लद्दाख में स्थित देश के सबसे ऊंचे केवीके में भी लागू किया जा रहा है।
- इस अभियान का विशेष ध्यान आदिवासी बहुल क्षेत्रों, जीवंत गांवों (सीमावर्ती क्षेत्रों के साथ) और चुनौतीपूर्ण कृषि-पारिस्थितिक क्षेत्रों में स्थित गांवों पर होगा।
अभियान का उद्देश्य और लक्ष्य
विकसित कृषि संकल्प अभियान के उद्देश्य और लक्ष्य निम्नलिखित हैं:
- किसानों को कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए वित्तीय सहायता, बीमा, सब्सिडी के बारे में सरकारी योजना और नीतियों से अवगत कराना।
- किसानों को उनके विशिष्ट कृषि-जलवायु क्षेत्रों में खरीफ मौसम के लिए उपयुक्त प्रमुख फसलों के बारे में शिक्षित करना और बेहतर कृषि पद्धतियों का सुझाव देना।
- उपयुक्त, लागत-प्रभावी प्राकृतिक कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देना।
- किसानों को फसल-विशिष्ट प्रबंधन पद्धतियों, उन्नत बीज किस्मों और एकीकृत पोषक तत्व/कीट प्रबंधन के बारे में शिक्षित करना।
- पशुपालन, भेड़/पश्मीना बकरी, मुर्गी पालन और मत्स्य पालन से संबंधित आधुनिक तकनीकों के बारे में जागरूकता पैदा करना।
- किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड के प्रभावी उपयोग के बारे में शिक्षित करना।
- टीम किसान के अनुभव का दस्तावेजीकरण करेगी, जिसका उपयोग सरकार भविष्य के कृषि अनुसंधान और नीति निर्माण के लिए करेगी।
- विशेषज्ञ टीम किसानों को उनकी आवश्यकताओं के लिए व्यावहारिक, स्थान-विशिष्ट समाधान प्रदान करेगी।
- अभियान में कृषि विविधीकरण की आवश्यकता और बागवानी, मधुमक्खी पालन, फूलों की खेती और डेयरी उद्यमों जैसे उच्च मूल्य वाली कृषि की आवश्यकता के बारे में किसानों को प्रोत्साहित करने और शिक्षित करने पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा।