केन्द्रीय कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) का महानिदेशक प्रवीण कुमार को और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) का महानिदेशक प्रवीर रंजन को नियुक्त करने की मंजूरी दी है।
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केन्द्रीय कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने गृह मंत्रालय के दो प्रस्तावों को मंजूरी दे दी, जिनमें भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) का महानिदेशक प्रवीण कुमार को और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) का महानिदेशक प्रवीर रंजन को नियुक्ति करना शामिल है।
प्रवीण कुमार
- पूर्व में इंटेलिजेंस ब्यूरो के विशेष निदेशक को भारत-तिब्बत सीमा पुलिस का महानिदेशक नियुक्त किया गया है। आईपीएस अधिकारी मुकेश सिंह, ITBP के अतिरिक्त महानिदेशक के रूप में कार्य करेंगे।
- इंटेलिजेंस ब्यूरो के विशेष निदेशक प्रवीण कुमार को 30 सितंबर, 2030 तक, जो उनकी सेवानिवृत्ति की तिथि है, ITBP के महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है।
- कुमार 1993 बैच के पश्चिम बंगाल कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं। वह वर्तमान राहुल रसगोत्रा से सीमा सुरक्षा बल का कार्यभार संभालेंगे, जो 30 सितंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
प्रवीर रंजन
- एजीएमयूटी (अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश) कैडर के 1993 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी प्रवीर रंजन वर्तमान में CISF के विशेष महानिदेशक के रूप में कार्यरत हैं।
- कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार, कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने 31 जुलाई, 2029 तक, जो उनकी सेवानिवृत्ति की तिथि है, CISF के महानिदेशक के रूप में उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी है।
- वह वर्तमान प्रमुख राजविंदर सिंह भट्टी का स्थान लेंगे, जो इस महीने के अंत में सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP)
- इसकी स्थापना 24 अक्टूबर, 1962 को हुई थी।
- यह लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक 3,488 किलोमीटर लंबी भारत-चीन सीमा की सुरक्षा करती है।
- यह एक पर्वतीय बल है जो उच्च ऊँचाई वाले अभियानों में विशेषज्ञता रखता है।
- इसका आदर्श वाक्य: "शौर्य-दृढ़ता-कर्म निष्ठा" है।
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF)
- CISF की स्थापना सन् 1968 के CISF अधिनियम के तहत की गई थी, जिसमें 2,800 कर्मियों के साथ तीन बटालियन थीं।
- बल का मुख्य लक्ष्य औद्योगिक प्रतिष्ठानों, सरकारी कारखानों और उपक्रमों की सुरक्षा करना था।
- 15 जून, 1983: CISF को भारतीय संसद के एक अधिनियम द्वारा औपचारिक रूप से मान्यता मिली।
- 1999 में एक विमान अपहरण की घटना के बाद, CISF को हवाई अड्डों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई, जिससे बल की भूमिका का विस्तार हुआ।
- वर्ष 2007 तक, CISF ने दिल्ली मेट्रो की सुरक्षा का कार्यभार संभाला, जो इसकी बढ़ती जिम्मेदारियों का एक और उदाहरण है।