प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 10 सितंबर, 2023 को नई दिल्ली में जी20 के राजनेताओं के शिखर सम्मेलन के दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ द्विपक्षीय बैठक के बाद संयुक्त वक्तव्य जारी किया।
इन दोनों राजनेताओं ने जुलाई, 2023 में पेरिस में आयोजित अपनी बैठक के बाद से लेकर अब तक द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति पर व्यापक चर्चा की, इसका आकलन कर समीक्षा की। इसके साथ ही उन्होंने महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय घटनाक्रमों पर अपने-अपने विचारों का आदान-प्रदान किया।
- प्रधानमंत्री मोदी ने 14 जुलाई 2023 को फ्रांसीसी राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर सम्मानित अतिथि के रूप में 13-14 जुलाई, 2023 को पेरिस की ऐतिहासिक यात्रा की थी। इस दौरान भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ मनाई गई।
स्थिर बहु-ध्रुवीय वैश्विक व्यवस्था:
- भारत-फ्रांस साझेदारी, जो कि गहन विश्वास, साझा मूल्यों, संप्रभुता एवं सामरिक स्वायत्तता में विश्वास, संयुक्त राष्ट्र चार्टर में निहित अंतरराष्ट्रीय कानून एवं सिद्धांतों के प्रति दृढ़ कटिबद्धता, बहुपक्षवाद में अटल विश्वास और एक स्थिर बहु-ध्रुवीय विश्व के लिए पारस्परिक प्रयासों पर आधारित है।
- भारत-फ्रांस संबंधों की मजबूती को स्वीकार करते हुए दोनों ही राजनेताओं ने क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए आपसी सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर विशेष जोर दिया।
- दोनों नेताओं ने ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ यानी ‘एक पृथ्वी, एक कुटुंब, एक भविष्य’ का संदेश देते हुए सामूहिक रूप से भलाई करने के प्रति अपनी अटूट कटिबद्धता दोहराई, ताकि वैश्विक व्यवस्था को नया स्वरूप प्रदान किया जा सके।
हिंद-प्रशांत रोडमैप:
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यात्रा के दौरान ‘क्षितिज 2047’ रोडमैप, हिंद-प्रशांत रोडमैप, और इसी तरह के अन्य परिणामों को हालिया संदर्भ बिंदु मानते हुए समीक्षा की।
- दोनों राजनेताओं ने रक्षा, अंतरिक्ष, परमाणु ऊर्जा, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, जलवायु परिवर्तन के क्षेत्रों में सहयोग के लिए नए और महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में हुई समग्र प्रगति और अगले कदमों पर चर्चा की गई।
अफ्रीका में होगी भारत-फ्रांस साझेदारी:
- दोनों नेताओं ने अवसंरचना, कनेक्टिविटी, ऊर्जा, जैव विविधता, स्थायित्व और औद्योगिक परियोजनाओं सहित हिंद-प्रशांत क्षेत्र और अफ्रीका में भारत-फ्रांस साझेदारी पर अपनी चर्चाओं को आगे बढ़ाया।
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन:
- दोनों नेताओं ने भारत एवं फ्रांस द्वारा आरंभ किए गए अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन और आपदा रोधी अवसंरचना के लिए गठबंधन की रूपरेखा के तहत अपने-अपने सहयोग के माध्यम से हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए समाधान प्रदाताओं के रूप में अपनी भूमिका को रेखांकित किया।
भारत-फ्रांस अंतरिक्ष सहयोग:
- दोनों नेताओं ने भारत-फ्रांस अंतरिक्ष सहयोग के छह दशकों को स्मरण किया और जून 2023 में प्रथम सामरिक अंतरिक्ष संवाद आयोजित करने के बाद से लेकर अब तक इस दिशा में हुई प्रगति की समीक्षा की।
असैन्य परमाणु संबंध:
- उन्होंने मजबूत भारत-फ्रांस असैन्य परमाणु संबंधों, जैतापुर परमाणु संयंत्र परियोजना के लिए हुई चर्चा में अच्छी प्रगति को रेखांकित किया और एसएमआर एवं एएमआर प्रौद्योगिकियों के सह-विकास के लिए साझेदारी करने के साथ-साथ विशेष आशय की घोषणा पर आगामी हस्ताक्षर हेतु द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के लिए दोनों पक्षों की निरंतर सहभागिता का स्वागत किया।
- फ्रांस ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में भारत की सदस्यता के लिए अपना दृढ़ और अटूट समर्थन दोहराया।
- दोनों राजनेताओं ने उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकियों एवं प्लेटफॉर्मों के डिजाइन, विकास, परीक्षण और विनिर्माण में साझेदारी के माध्यम से रक्षा सहयोग को मजबूत करने और हिंद-प्रशांत एवं उससे परे स्थित अन्य देशों सहित भारत में उत्पादन बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
- इस संदर्भ में उन्होंने ‘रक्षा औद्योगिक रोडमैप’ को शीघ्र अंतिम रूप देने का भी आह्वान किया।
भारत-फ्रांस कैम्पस :
- डिजिटल, विज्ञान, प्रौद्योगिकीय नवाचार, शिक्षा, संस्कृति, स्वास्थ्य और पर्यावरण सहयोग जैसे क्षेत्रों पर विशेष जोर देते हुए दोनों ही राजनेताओं ने हिंद-प्रशांत के लिए भारत-फ्रांस कैम्पस की तर्ज पर ही इन क्षेत्रों में आपसी संस्थागत संबंधों को मजबूत करने का आह्वान किया।
- इस संदर्भ में उन्होंने सांस्कृतिक आदान-प्रदान बढ़ाने और संग्रहालयों के विकास में आपस में मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता की भी पुष्टि की।
जी20 में अफ्रीकी संघ (एयू) का स्वागत:
भारत एवं फ्रांस ने जी20 में अफ्रीकी संघ (एयू) की सदस्यता का भी स्वागत किया और अफ्रीका की प्रगति, समृद्धि एवं विकास के लिए एयू के साथ मिलकर काम करने की उम्मीद जताई।