थाई उद्योगपति अनुतिन चार्नविराकुल ने प्रधानमंत्री पद संभाला। भांग के समर्थक इस रूढ़िवादी नेता ने देश के प्रमुख राजनीतिक वंश शिनातावात्रा को सत्ता से बेदखल कर अगले साल की शुरुआत में होने वाले चुनावों की तैयारी कर ली है।
- थाईलैंड में अनुतिन चार्नविराकुल ने 07 सितंबर, 2025 को देश के नए प्रधानमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण कर लिया है। अनुतिन ने पैतोंगटार्न शिनावात्रा का स्थान लिया, जिन्हें पिछले सप्ताह एक अदालती आदेश के माध्यम से बर्खास्त कर दिया गया था।
- अनुतिन एक अनुभवी राजनेता और व्यवसायी हैं, जो पहले उप-प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के रूप में कार्यरत थे। उन्हें थाईलैंड में भांग को अपराधमुक्त करने के लिए सफलतापूर्वक पैरवी करने के लिए जाना जाता है।
- अनुतिन वर्ष 2023 के आम चुनावों के बाद दो वर्षों में थाईलैंड के तीसरे प्रधानमंत्री बने। अनुतिन ने लोकलुभावन शिनावात्रा परिवार की फ्यू थाई पार्टी को सत्ता से बेदखल कर दिया, जिसने वर्ष 2023 के चुनावों के बाद से शीर्ष पद पर एकाधिकार कर रखा था।
- अनुतिन की भुमजैथाई पार्टी, शिनावात्रा परिवार के फ्यू थाई के नेतृत्व वाले गठबंधन से अलग हो गई और संसद में प्रधानमंत्री पद जीतने के लिए पर्याप्त समर्थन हासिल कर लिया।
अनुतिन चार्नविराकुल
- 58 वर्षीय अनुतिन राजनेता और निर्माण क्षेत्र के दिग्गज चवरत चार्नविराकुल के बेटे हैं। अनुतिन ने न्यूयॉर्क के हॉफस्ट्रा विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और वर्ष 1989 में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
- अनुतिन का पहला राजनीतिक कदम वर्ष 1996 में आया, जब उन्होंने न्यू एस्पिरेशन सरकार के तहत विदेश मंत्री प्रचुआप चायियासन के सलाहकार के रूप में कार्य किया। बाद में उन्होंने वर्ष 2004 में वाणिज्य उप मंत्री और वर्ष 2004 से 2005 के बीच जन स्वास्थ्य उप मंत्री के रूप में कार्य किया।
- वे वर्ष 2012 में बीजेटी के नेता चुने गए और वर्ष 2019 में पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े। वे प्रयुत चान-ओचा की दूसरी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बने और कोविड-19 महामारी के दौरान देश की देखरेख की, जिसके लिए उनकी कुछ आलोचना भी हुई।
थाईलैंड
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यह मुख्य भूमि दक्षिण पूर्व एशिया के मध्य में स्थित एक देश है। बैंकॉक महानगरीय क्षेत्र देश का प्रमुख शहरी केंद्र बना हुआ है, फिर भी अन्य बड़े शहर भी हैं, जैसे उत्तर में चियांग माई, उत्तर-पूर्व में नाखोन रत्चासिमा (खोराट), खोन केन और उदोन थानी, दक्षिण-पूर्व में पटाया और सुदूर दक्षिण में हाट याई।
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सियाम, जैसा कि थाईलैंड को आधिकारिक तौर पर वर्ष 1939 तक कहा जाता था, कभी भी यूरोपीय औपनिवेशिक प्रभुत्व के अधीन नहीं आया।
- देश का सबसे ऊँचा माउंट इंथानोन, 8,481 फीट (2,585 मीटर) ऊँचा, उत्तर-पश्चिमी थाईलैंड में, ऐतिहासिक शहर चियांग माई के पास स्थित है। यह शहर माउंट सुथेप से घिरा है, जो एक प्रसिद्ध बौद्ध मंदिर और शाही ग्रीष्मकालीन महल का स्थल है।
थाईलैंड के साथ भारत के संबंध:
- थाईलैंड और भारत के बीच राजनयिक संबंध वर्ष 1947 से है। ये संबंध आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों की नींव पर निर्मित हैं जो 2000 से अधिक वर्षों से मौजूद हैं।
- भारत की 'लुक ईस्ट' नीति (वर्ष 1993 से) और थाईलैंड की 'लुक वेस्ट' नीति (वर्ष 1996 से), जो अब भारत की 'एक्ट ईस्ट' और थाईलैंड की 'एक्ट वेस्ट' में बदल गई है, आर्थिक एवं वाणिज्यिक संबंधों सहित द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत करने में दृढ़ता से योगदान दे रही हैं।
- आसियान क्षेत्र में सिंगापुर, वियतनाम, इंडोनेशिया और मलेशिया के बाद थाईलैंड भारत का 5वाँ सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। वर्तमान में थाई सामानों को आसियान-भारत FTA के तहत कर कटौती से लाभ हुआ है, जो जनवरी, 2010 में लागू हुआ था।
दोनो देशों के रक्षा अभ्यास:
- अभ्यास मैत्री (सेना)।
- सियाम भारत अभ्यास (वायु सेना)।
- भारत-थाईलैंड समन्वित गश्ती (नौसेना)।