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गजल गायक पंकज उधास ने 72 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
Ghazal singer Pankaj Udhas breathed his last at the age of 72 Person in News 5 min read

मशहूर गजल गायक पंकज उधास का 26 फरवरी 2024 को 72 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। गायक उधास पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे। एक रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी हाॅस्पिटल में 26 फरवरी की सुबह 11 बजे अंतिम सांस ली। गायक उधास को असली पहचान फेमस गजल 'चिट्ठी आई है' से मिली थी।

गायक पंकज उधास का संक्षिप्त जीवन परिचय: 

  • पंकज उधास का जन्म 17 मई 1951 को गुजरात के जेतपुर में हुआ था। वो अपने तीनों भाइयों में सबसे छोटे थे। 
  • उनका परिवार राजकोट के पास चरखाड़ी नाम के एक कस्बे का रहने वाला था। उनके दादा जमींदार थे और भावनगर राज्य के दीवान भी थे।
  • पंकज उधास के पिता केशुभाई उधास सरकारी कर्मचारी थे। उन्हें इसराज बजाने का बहुत शौक था। वहीं उनकी मां जीतूबेन उधास को गानों का बहुत शौक था। यही वजह थी पंकज उधास समेत उनके दोनों भाइयों का रुझान संगीत की तरफ हमेशा से रहा।
  • पंकज का एडमिशन राजकोट में संगीत एकेडमी में करा दिया।
  • पंकज ने 11 फरवरी 1982 को फरीदा से शादी की थी। एक कॉमन फ्रेंड की शादी में दोनों की मुलाकात हुई थी। 
  • फरीदा के कहने पर पंकज उनके घर गए और उनके पिता से अपने रिश्ते की बात की। फरीदा के पिता रिटायर्ड पुलिस ऑफिसर थे, इस वजह से पंकज बहुत डरे हुए थे, लेकिन उन्होंने अपनी बातों से उनका दिल जीत लिया। फरीदा के पिता दोनों की शादी के लिए मान गए। जिसके बाद दोनों की शादी हुई। दोनों की दो बेटियां नायाब और रेवा हैं।

‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ गाने को उसी लय और सुर के साथ तैयार किया: 

  • पंकज ने कभी नहीं सोचा था कि वो अपना करियर गायन में बनाएंगे। भारत और चीन के बीच युद्ध के दौरान लता मंगेशकर का ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ गाना रिलीज हुआ था। पंकज को ये गाना बहुत पसंद आया। उन्होंने बिना किसी की मदद से इस गाने को उसी लय और सुर के साथ तैयार किया। 
  • पंकज ने ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ गाना गया। उनके इस गीत से दर्शकों की आंखें नम हो गईं। उन्हें खूब वाहवाही भी मिली। दर्शकों में से एक आदमी ने खड़े होकर उनके लिए ताली बजाई और इनाम में उन्हें 51 रुपए दिए। ये उनका पहला इनाम था। 

पहला गीत फिल्म ‘कामना’ के लिए गाया: 

  • वो अपने भाईयों के जैसे ही बाॅलीवुड में जगह बनाना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने 4 साल का लंबा संघर्ष किया। इसी दौरान उन्हें कोई बड़ा काम नहीं मिला। 
  • उन्होंने फिल्म ‘कामना’ में अपने एक गाने को आवाज दी थी, लेकिन वो फिल्म फ्लॉप हो गई। जिस वजह से उन्हें भी कोई खास पॉपुलैरिटी नहीं मिली। काम नहीं मिलने से दुखी होकर उन्होंने विदेश जाकर रहने का फैसला किया।

फिल्म ‘नाम’ के गजल ‘चिट्ठी आई है’ से मिली पॉपुलैरिटी:  

  • आरंभ में पंकज ने इस फिल्म में काम करने के लिए मना कर दिया था।
  • मनहर के समझाने पर उन्होंने राजेंद्र कुमार के असिस्टेंट के साथ काम किया। उन्होंने फिल्म ‘नाम’ में काम किया और गजल ‘चिट्ठी आई है’ को अपनी आवाज दी। ये गजल उनके करियर के बेहतरीन गजलों में से एक है। इस गजल की ऐडिटिंग डेविड धवन ने की थी। राज कपूर ने ‘चिट्ठी आई है’, गजल सुना, तो वो रो पड़े।

FAQ

उत्तर : जेतपुर (गुजरात)

उत्तर : कामना

उत्तर : ‘चिट्ठी आई है’
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