जी20 भारत की अध्यक्षता के तहत चौथी जी20 अवसंरचना कार्य समूह (आईडब्ल्यूजी) की बैठक 21-22 सितंबर, 2023 के दौरान मध्य प्रदेश के खजुराहो में आयोजित की जा रही है।
मध्य प्रदेश के खजुराहो में आयोजित यह दो दिवसीय भारतीय जी20 अध्यक्षता के तहत अवसंरचना कार्य समूह की आखिरी बैठक है।
- इसमें भारत द्वारा आमंत्रित जी20 सदस्य देशों, अतिथि देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के 54 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं।
- इस बैठक की अध्यक्षता भारत सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा किया गया जबकि ऑस्ट्रेलिया और ब्राजील सह-अध्यक्ष के रूप में काम कर रहे है।
- बैठक में उच्च गुणवत्ता के लचीले, टिकाऊ और समावेशी शहरी अवसंरचना की दिशा में निवेश के लिए वित्तीय संसाधन जुटाने पर चर्चा की जा रही है।
जी20 अवसंरचना कार्य समूह (आईडब्ल्यूजी):
- जी20 अवसंरचना कार्य समूह में बुनियादी ढांचे के निवेश के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया जा रहा है।
- इसमें बुनियादी ढांचे को एक परिसंपत्ति वर्ग के रूप में विकसित करना, गुणवत्तापूर्ण शहरी बुनियादी ढांचे, इन्फ्राटेक को बढ़ावा देना और लचीले, टिकाऊ और समावेशी शहरी बुनियादी ढांचे की दिशा में निवेश के लिए वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए नवीन उपकरणों की पहचान करना शामिल है।
- अवसंरचना कार्य समूह के नतीजे जी20 फाइनेंस ट्रैक प्राथमिकताओं में शामिल होते हैं और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को बढ़ावा देते हैं।
चौथी आईडब्ल्यूजी बैठक 2023:
- चौथी आईडब्ल्यूजी बैठक 2023 अवसंरचना एजेंडा की प्राथमिकताओं को अंतिम रूप देने का काम करेगी। दो दिवसीय बैठकों के दौरान प्रतिनिधियों के लिए विभिन्न आधिकारिक बैठकों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है।
निजी क्षेत्र के निवेश बढ़ाने पर जोर:
- आईडब्ल्यूजी बैठकों के अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम के साथ साझेदारी में एक चर्चा भी आयोजित की जा रही है, जिसमें विश्व बैंक, ओईसीडी, ईबीआरडी और यूएलडीपी जैसे संस्थानों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ जनता और निजी क्षेत्र, शहरी अवसंरचना में निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ाने के तंत्र पर विचार-विमर्श करेगा।
- इसका उद्देश्य चुनौतियों का समाधान करने और शहरों को निजी और वाणिज्यिक वित्त जुटाने में सक्षम बनाने के लिए निजी क्षेत्र के परिप्रेक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना है।
खजुराहो की समृद्ध सांस्कृतिक विरासतों का विदेशी मेहमान करेंगे दर्शन:
- विदेशी मेहमानों के लिए खजुराहो को खूबसूरती के साथ सजाया गया है। इस आयोजन में देश विदेश के डेलीगेट्स विकास के मुद्दों सहित नए आयामों पर चर्चा करेंगे।
- खजुराहो में अपने प्रवास के दौरान, प्रतिनिधि प्रसिद्ध यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल पश्चिमी मंदिर समूह, आदिवर्त संग्रहालय और रनेह झरने का अवलोकन करेंगे।
खजुराहो मंदिर:
- कालखण्ड: 950-1050 ईस्वी
- इसके निर्माण से संबंधित शासक: चंदेल राजवंश द्वारा 950-1050 ईस्वी के बीच निर्मित।
- खजुराहो मंदिर (मध्य प्रदेश) देश के सबसे खूबसूरत मध्ययुगीन स्मारकों में से एक हैं।
- स्मारकों में हिंदू और जैन मंदिर शामिल हैं।
- मंदिर स्थल विंध्य पर्वत श्रृंखला के भीतर स्थित है।
- इन मंदिरों को 1986 में यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थलों का दर्जा मिला।
- ये मंदिर अपनी नागर शैली की वास्तुकला के प्रतीकवाद के लिए प्रसिद्ध हैं।
- इस मंदिर के बारे सर्वप्रथम अबू रिहान अल बिरूनी द्वारा 1022 ई. में और इब्न बतूता द्वारा 1335 ई. में उल्लेख किया था।