भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार चक्रवात "मिचौंग" के 4 दिसम्बर को दक्षिण आंध्र प्रदेश और उत्तरी तमिलनाडु तट के पास से होते हुए पश्चिममध्य बंगाल की खाड़ी तक पहुँच गया है। इसके बाद, यह उत्तर की ओर लगभग समानांतर और दक्षिण आंध्र प्रदेश तट के करीब बढ़ेगा और 5 दिसम्बर की दोपहर तक एक गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में नेल्लोर और मछलीपट्टनम के बीच दक्षिण आंध्र प्रदेश के तट से टकराएगा I
उत्पत्ति/केंद्र:
- दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना दबाव का क्षेत्र चक्रवाती तूफान मिचौंग में तब्दील हो गया है।
- तूफान, पुदुचेरी के पूर्व-दक्षिणपूर्व से लगभग 260 किमी., चेन्नई से 250 किमी दक्षिणपूर्व, नेल्लोर से 380 किमी दक्षिण-दक्षिणपूर्व, बापटला के 490 किमी. दक्षिण-दक्षिणपूर्व और मछलीपट्टनम के 500 किमी. दक्षिण-दक्षिणपूर्व में केंद्रित है।
नामकरण:
- इसका "मिचौंग" नाम म्यांमार द्वारा दिया गया है I
- इसका अर्थ ताकत या लचीलापन होता है I
तीव्रता/गति:
- इसकी अधिकतम गति 90-100 किमी प्रति घंटे से लेकर 110 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है।
चक्रवात:
परिचय:
- चक्रवात एक कम दबाव वाले क्षेत्र के आसपास तेज़ी से हवा का संचार है। हवा का संचार उत्तरी गोलार्द्ध में वामावर्त और दक्षिणी गोलार्द्ध में दक्षिणावर्त दिशा में होता है।
- चक्रवात, विनाशकारी तूफान और खराब मौसम के साथ उत्पन्न होते हैं।
- साइक्लोन शब्द ग्रीक शब्द साइक्लोस से लिया गया है जिसका अर्थ है साँप की कुंडलियांँ। यह शब्द हेनरी पेडिंगटन द्वारा दिया गया था क्योंकि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में उठने वाले उष्णकटिबंधीय तूफान समुद्र के कुंडलित नागों की तरह दिखाई देते हैं।
चक्रवात के प्रकार :
- चक्रवात दो प्रकार के होते हैं
- उष्णकटिबंधीय चक्रवात: उष्णकटिबंधीय चक्रवात मकर और कर्क रेखा के बीच के क्षेत्र में विकसित होते हैं।
- इस प्रकार के तूफानों को उत्तरी अटलांटिक और पूर्वी प्रशांत क्षेत्र में हरिकेन तथा दक्षिण-पूर्व एशिया एवं चीन में टाइफून कहा जाता है। दक्षिण-पश्चिम प्रशांत व हिंद महासागर क्षेत्र में इसे उष्णकटिबंधीय चक्रवात तथा उत्तर-पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में विली-विलीज़ कहा जाता है।
- विश्व मौसम विज्ञान संगठन 'उष्णकटिबंधीय चक्रवात' शब्द का उपयोग मौसम प्रणालियों को कवर करने के लिये करता है जिसमें पवनों की गति 'गैल फोर्स' (न्यूनतम 63 किमी प्रति घंटे) से अधिक होती हैं।
- अतिरिक्त उष्णकटिबंधीय चक्रवात: इन्हें शीतोष्ण चक्रवात या मध्य अक्षांश चक्रवात या वताग्री चक्रवात या लहर चक्रवात भी कहा जाता है।
- अतिरिक्त उष्णकटिबंधीय चक्रवात समशीतोष्ण क्षेत्रों और उच्च अक्षांश क्षेत्रों में उत्पन्न होते हैं, हालाँकि वे ध्रुवीय क्षेत्रों में उत्पत्ति के कारण भी जाने जाते हैं।
भारत में चक्रवात की घटना:
- भारत में द्विवार्षिक चक्रवात का मौसम होता है जो मार्च से मई और अक्टूबर से दिसंबर के बीच का समय होता है लेकिन दुर्लभ अवसरों पर जून और सितंबर के महीनों में भी चक्रवात आते हैं।
- सामान्यत: उत्तर हिंद महासागर क्षेत्र (बंगाल की खाड़ी और अरब सागर) में उष्णकटिबंधीय चक्रवात पूर्व-मानसून (अप्रैल से जून माह) तथा मानसून पश्चात् (अक्टूबर से दिसंबर) की अवधि के दौरान विकसित होते हैं।
- मई-जून और अक्टूबर-नवंबर के महीने में गंभीर तीव्र चक्रवात उत्पन्न होते हैं जो भारतीय तटों को अत्यधिक प्रभावित करते हैं।