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उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में बायोप्लास्टिक पार्क स्थापित किया जाएगा

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
Bioplastic Park to be set up in Uttar Pradesh Lakhimpur Kheri district Uttar Pradesh 4 min read

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य में पर्टोलियम व्युत्पन्न आधारित प्लास्टिक उत्पादों के कारण होने वाले पर्यावरण प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए राज्य में एक बायोप्लास्टिक पार्क स्थापित करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि परियोजना को जल्द से जल्द पूरा किया जाये.

बायोप्लास्टिक पार्क कहाँ स्थापित किया जाएगा? 

1000 हेक्टेयर भूमि पर विकसित होने वाले बायोप्लास्टिक पार्क का निर्माण लखीमपुर खीरी जिले की गोला गोकर्णनाथ तहसील के कुंभी गांव में किया जाएगा। 

इस  परियोजना  2000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से विकसित की जाएगी।

राज्य स्थित बलरामपुर चीनी मिल प्रस्तावित बायोप्लास्टिक पार्क का निर्माण करेगी। 

राज्य सरकार ने बायोप्लास्टिक पार्क के विकास के लिए उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीईआईडीए ) को बायोप्लास्टिक पार्क का नोडल एजेंसी बनाया है।

बायोप्लास्टिक क्या है और इसका उपयोग क्या है?

बायोप्लास्टिक एक बायोडिग्रेडेबल सामग्री है जो सूरजमुखी, मक्का, चुकंदर जैसे नवीकरणीय स्रोतों से बनाई जाती है।  इसे  कृषि फसलों, सेलूलोज़ या आलू और मकई स्टार्च अपशिष्ट से प्राप्त प्राकृतिक पॉलिमर से बनाया जाता हैं।

बायोप्लास्टिक की तुलना में  पेट्रोलियम से बने पारंपरिक प्लास्टिक को विघटित होने में सैकड़ों साल लगते हैं।

बायोप्लास्टिक बायोडिग्रेडेबल के कारण अपेक्षाकृत जल्दी विघटित हो जाते हैं इसलिए इन्हें पेट्रोलियम आधारित प्लास्टिक का विकल्प माना जाता है और इन्हें पारंपरिक प्लास्टिक से होने वाले समस्या के समाधान के रूप में देखा जा रहा है। 

अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में बायोप्लास्टिक का उपयोग बढ़ रहा है। इसका उपयोग कृषि, कपड़ा उद्योग, चिकित्सा, कंटेनर और पैकेजिंग बाजार में किया जा रहा है।

बायोप्लास्टिक पार्क के लाभ

राज्य में बायोपार्क की स्थापना से कई लाभ होंगे,जिसमे प्रमुख अनुमानित लाभ हैं :

  • बायो प्लास्टिक पेट्रोलियम आधारित प्लास्टिक की जगह लेगा जो पर्यावरण प्रदूषण को कम करने में सहायक होगा क्योंकि यह बायोडिग्रेडेबल है।
  • यह राज्य में नौकरियाँ पैदा करेगा और सहायक इकाइयों के लिए अवसर पैदा करके स्थानीय क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा।
  • पार्क प्लास्टिक से संबंधित विभिन्न प्रौद्योगिकियों के विकास और अध्ययन पर ध्यान केंद्रित करेगा जो प्लास्टिक के प्रभावी उपयोग और रीसाइक्लिंग के लिए नई तकनीक के विकास को बढ़ावा देगा।
  • पार्क में नई तकनीक विकसित करने पर भी ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है जो प्लास्टिक प्रदूषण को कम करेगी और दूषित प्लास्टिक का पुनर्चक्रण करेगी। इससे पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा और देश में प्लास्टिक प्रदूषण में कमी आएगी।
  • बायोप्लास्टिक पार्क अनुसंधान और विकास के माध्यम से अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों को विकसित करके प्लास्टिक विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने के लिए वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के लिए एक केंद्र के रूप में काम करेगा।

FAQ

उत्तर: कुम्भी गांव, गोला गोकर्णनाथ तहसील, जिला लखीमपुर खीरी में ।

उत्तर: बलरामपुर चीनी मिल। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास पार्क के विकास के लिए नोडल एजेंसी होगी।

उत्तर: 1000 हेक्टेयर क्षेत्र में , 2000 करोड़ रुपये के निवेश से लखीमपुर खीरी जिले में।

उत्तर: यह कृषि फसलों, सेलूलोज़ या आलू और मकई स्टार्च अपशिष्ट जैसे नवीकरणीय स्रोतों से बना एक बायोडिग्रेडेबल सामग्री है।

उत्तर: योगी आदित्यनाथ।
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