भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना, संयुक्त रूप से भारत-चीन सीमा पर 'पूर्वी प्रहार' नाम से एक कमांड-स्तरीय त्रि-सेवा थिएटर अभ्यास शुरू करेंगे। पूर्वी प्रहार अभ्यास 10-18 नवंबर 2024 तक भारतीय सेना की पूर्वी कमान में आयोजित किया जाएगा। यह अभ्यास भारत में एक एकीकृत थिएटर कमांड स्थापित करने के भारत सरकार के प्रयास में एक महत्वपूर्ण कदम है।
सेना में थिएटर एक विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र को संदर्भित करता है, जो समुद्र, वायु या भूमि में स्थित हो सकता है। ये क्षेत्र भविष्य में संभावित संघर्ष या युद्ध के क्षेत्र बन सकते हैं।
पूर्वी प्रहार अभ्यास का क्षेत्र
पूर्वी प्रहार सैन्य अभ्यास पूर्वी क्षेत्र में भारत-चीन सीमा के पहाड़ी इलाके में होगा। यह असम के डिब्रूगढ़, जोरहाट और तेजपुर के हवाई क्षेत्रों से लेकर भारत-चीन सीमा पर अरुणाचल प्रदेश की घाटियों और पहाड़ों तक के क्षेत्र में आयोजित किया जाएगा।
पूर्वी प्रहार अभ्यास का महत्व
- पूर्वी प्रहार अभ्यास का मुख्य उद्देश्य भारतीय सेना के तीन अंगों- थल सेना, नौसेना और वायु सेना को पहाड़ी इलाकों में एकीकृत संयुक्त अभियानों को अंजाम देने के लिए परिचित और प्रशिक्षित करना है।
- यह तीनों सेनाओं की परिचालन तत्परता और अंतर-सेवा समन्वय का भी परीक्षण करेगा।
- अभ्यास का एक अन्य उद्देश्य अंतरसंचालनीयता के संबंध में तीनों सेवाओं द्वारा अनुभव की जाने वाली समस्याओं का समाधान करना है।
- सेना में, अंतरसंचालनीयता का अर्थ सशस्त्र बलों के विभिन्न विंगों की एक साथ काम करने और एक दूसरे के हथियार प्रणालियों का उपयोग करने की क्षमता विकसित करने से है। इसका मतलब यह है कि भारतीय थल सेना के जवान भारतीय वायु सेना के हथियार प्रणालियों का उपयोग करेंगे और वायु सेना वाले भारतीय सेना के हथियार प्रणालियों के।
पूर्वी अभ्यास 2024 की अन्य विशेषताएँ
- पहली बार, भारतीय नौसेना अपने लंबी दूरी के गश्ती और टोही विमान, P-8I पोसीडॉन को तैनात करेगी।
- भारतीय सशस्त्र बल निगरानी प्रौद्योगिकी में नवीनतम प्रगति जिसमें स्वार्म ड्रोन, फर्स्ट पर्सन व्यू (एफपीवी) ड्रोन और लोइटर युद्ध सामग्री शामिल हैं,इस अभ्यास में तैनात करेगी ।
- भारतीय वायु सेना के उन्नत लड़ाकू विमान, टोही विमान, स्वदेशी रूप से विकसित उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (रुद्र), अमेरिकी चिनूक हेलीकॉप्टर और संयुक्त राज्य अमेरिका से खरीदे गए भारतीय सेना द्वारा संचालित एम 777 अल्ट्रा-लाइट हॉवित्जर तोपखाने सिस्टम भी तैनात की जाएंगी।
- अभ्यास के दौरान, सेनाएं सीएच-47 चिनूक हेलीकॉप्टरों का उपयोग करके पूर्वी थिएटर में एम777 अल्ट्रा-लाइट हॉवित्जर तोपखाने को तेजी से तैनात करने का लक्ष्य रखेंगी।
- इन क्षेत्रों में चीन के साथ संघर्ष की स्थिति में एम 777 अल्ट्रा-लाइट हॉवित्जर तोपखाना भारतीय सशस्त्र बलों की एक प्रमुख हथियार प्रणाली होगी।
- इसके अलावा, अभ्यास के दौरान, अधिक परिष्कृत साझा ऑपरेटिंग पिक्चर विकसित करने, उपग्रह संचार पर काम करने वाले उपकरणों को अनुकूलित करने और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-संचालित एनालिटिक्स का उपयोग करने के लिए संयुक्त नियंत्रण संरचनाएं स्थापित की जाएंगी।
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