हिमाचल प्रदेश कैबिनेट ने राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना के चरण-11 के शुरुआत की घोषणा की है।
यह योजना, ग्रामीण युवाओं को अपनी भूमि पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करती है, जिससे स्वरोजगार के अवसरों के लिए प्रोत्साहन मिलता है।
फोकस: सरकार की इस पहल का उद्देश्य 100 किलोवाट से 500 किलोवाट तक की क्षमता वाले सौर ऊर्जा परियोजनाओं(एसपीपी) की स्थापना करना है, जो राज्य के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों में महत्वपूर्ण योगदान देती है।
इससे आने वाले समय में युवाओं के बीच स्वरोजगार की मानसिकता विकसित होगी और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
लाभ: इस योजना के तहत, प्रतिभागी यदि तीन एकड़ जमीन पर 100 किलोवाट का बिजली संयंत्र स्थापित करते हैं तो वे 25 वर्षों के लिए लगभग 20,000 रुपये की मासिक आय प्राप्त कर सकते हैं।
क्रमशः पाँच और दस एकड़ भूमि पर स्थापित की जाने वाली 200 किलोवाट और 500 किलोवाट की क्षमता वाली परियोजनाओं के लिए, प्रतिभागी 40,000 रु. और 1 लाख रुपये प्रति माह प्राप्त करने के पात्र होंगे।
पात्रता: योजना के तहत, लाभार्थी को 10% की सुरक्षा जमा राशि का भुगतान करना होगा। सरकार 70% बैंक ऋण की सुविधा प्रदान करेगी और 30% इक्विटी प्रदान करेगी।
यह अवसर उन ग्रामीण युवाओं के लिए है जिनके पास तीन एकड़ जमीन है। वे अपनी जमीन पर 100 किलोवाट क्षमता का सोलर प्रोजेक्ट स्थापित कर सकते हैं।
इस योजना का लाभ उठाने के लिए, उन्हें 4 लाख रुपये की सुरक्षा जमा राशि का भुगतान करना होगा।
परियोजना के लागू होने के बाद सरकार युवाओं को 25 साल तक हर महीने 20,000 रुपये देगी