नवरत्न कंपनी ओएनजीसी विदेश लिमिटेड (ओवीएल) ने अजरबैजान के अपतटीय अज़ेरी चिराग गुनाशली तेल क्षेत्र और उससे संबंधित तेल पाइपलाइन में नॉर्वेजियन कंपनी इक्विनोर की हिस्सेदारी 60 मिलियन डॉलर में खरीदी ली है।
इस समझौते के साथ ही ओएनजीसी की सहायक कंपनी ओवीएल की अज़ेरी चिराग गुनाशली तेल क्षेत्र में हिस्सेदारी हिस्सेदारी बढ़ाकर 2.95 प्रतिशत हो जाएगी।
अजरबैजान के तेल क्षेत्र और पाइपलाइन में ओवीएल निवेश
- ओवीएल ने पहली बार 2013 में अज़ेरी चिराग गुनाशली तेल क्षेत्र में निवेश किया था और इसमे 2.72 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी थी ।
- इक्विनोर के साथ सौदे से पहले, इस तेल क्षेत्र में ओवीएल की मौजूदा हिस्सेदारी 2.31 प्रतिशत और बाकू त्बिलिसी सेहान (बीटीसी) पाइपलाइन कंपनी में 2.36 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।
- नॉर्वेजियन कंपनी इक्विनोर के साथ समझौते के तहत ओवीएल ने इक्विनोर से तेल क्षेत्र में 0.615 प्रतिशत शेयर और बाकू त्बिलिसी सेहान पाइपलाइन कंपनी में 0.737 शेयर खरीदे हैं।
- इस प्रकार अज़ेरी चिराग गुनाशली तेल क्षेत्र में कुल ओवीएल हिस्सेदारी बढ़कर 2.95 प्रतिशत और बाकू त्बिलिसी सेहान पिपलेनी कंपनी में 3.097 प्रतिशत हो जाएगी।
अज़रबैजान के अज़ेरी चिराग गुनाशली तेल क्षेत्र के बारे में
- अज़रबैजान का अज़ेरी चिराग गुनाशली तेल क्षेत्र अज़रबैजान का एक बड़ा तेल भंडार क्षेत्र है जो कैस्पियन सागर में स्थित है।
- अज़रबैजान गणराज्य की सरकार के स्वामित्व वाली राज्य तेल कंपनी के पास तेल क्षेत्र में 25 प्रतिशत हिस्सेदारी और बाकू त्बिलिसी सेहान पाइपलाइन कंपनी में 25 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
- इस तेल क्षेत्र का संचालन ब्रिटिश बहुराष्ट्रीय कंपनी बीपी द्वारा किया जा रहा है और इसके इस तेल क्षेत्र में हिस्सेदारी 30.37 प्रतिशत है।
- अन्य प्रमुख शेयरधारक जापानी कंपनियां और एक्सॉनमोबिल हैं।
- बाकू-त्बिलिसी सेहान पाइपलाइन अज़ेरी-चिराग-डीपवाटर गुनाशली क्षेत्र से तुर्किये में सेहान समुद्री टर्मिनल तक तेल ले जाती है।
- यह अजरबैजान, जॉर्जिया से होकर तुर्किये तक जाती है।
ओएनजीसी विदेश लिमिटेड (ओवीएल) के बारे में
- ओएनजीसी विदेश लिमिटेड (ओवीएल) की स्थापना 1965 में सार्वजनिक क्षेत्र ओएनजीसी की एक पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी के रूप में की गई थी।
- इसकी स्थापना भारत से बाहर पेट्रोलियम और गैस क्षेत्रों का पता लगाने और उसे विकसित करने के लिए की गई थी।
- भंडार और उत्पादन के मामले में ओवीएल ओएनजीसी के बाद भारत की दूसरी सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी है।
- ओएनजीसी विदेश की 15 देशों में 32 तेल और गैस परियोजनाओं में हिस्सेदारी है- अज़रबैजान (2 परियोजनाएँ), बांग्लादेश (2 परियोजनाएँ), ब्राज़ील (2 परियोजनाएँ), कोलंबिया (4 परियोजनाएँ), मोज़ाम्बिक (1 परियोजना), म्यांमार (6 परियोजनाएँ), रूस (3 परियोजनाएँ), दक्षिण सूडान (2 परियोजनाएँ), सीरिया (2 परियोजनाएँ), संयुक्त अरब अमीरात (1 परियोजना), वेनेजुएला (2 परियोजनाएँ), वियतनाम (2 परियोजनाएँ) और चार देशों में अन्य 5 निष्क्रिय परियोजनाएँ जो वर्तमान में निष्क्रिय हैं।
- ओएनजीसी विदेश ने 2023-24 में 7.178 मिलियन मीट्रिक टन कच्चे पेट्रोलियम तेल और 10.518 "मिलियन मीट्रिक टन तेल के बराबर गैस का उत्पादन किया।
मुख्यालय: नई दिल्ली
अध्यक्ष: अरुण कुमार सिंह