भारत में 15 अगस्त 2025 को 79वाँ स्वतंत्रता दिवस मनाया गया, जो 79 वर्षों की आज़ादी, प्रगति और एकता का प्रतीक है। यह समारोह नई दिल्ली के लाल किले में आयोजित किया गया, जहाँ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और लगातार 12वीं बार स्वतंत्रता दिवस का संबोधन दिया।
स्वतंत्रता दिवस 2025 की थीम
वर्ष 2025 की थीम थी “नया भारत”, जो विकसित भारत मिशन के तहत 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की दृष्टि को दर्शाती है। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में ऑपरेशन सिंदूर के वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित की और युवाओं से देश के भविष्य के निर्माण में सक्रिय योगदान देने का आह्वान किया।
79वें स्वतंत्रता दिवस के विशेष अतिथि
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विभिन्न क्षेत्रों से लगभग 5,000 विशेष अतिथियों को आमंत्रित किया गया था।
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इस सूची में विशेष ओलंपिक 2025 के एथलीट और खेलो इंडिया पैरा गेम्स के स्वर्ण पदक विजेता भी शामिल थे ।
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महिला पंचायत नेताओं की बड़ी संख्या को भी आमंत्रित किया गया, जिन्होंने अपने ग्राम पंचायतों में उल्लेखनीय सुधार किए हैं, जैसे बेहतर अवसंरचना, उन्नत जनसेवाएँ और समावेशी सामुदायिक पहलें आदि।
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प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) और लखपति दीदी जैसी सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को निमंत्रण मिला।
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निमंत्रण पत्रों पर ऑपरेशन सिंदूर का लोगो और चेनाब पुल का वॉटरमार्क अंकित था।
स्वतंत्रता दिवस समारोह की मुख्य झलकियां
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समारोह की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा फ्लाइंग ऑफिसर रशिका शर्मा की उपस्थिति में तिरंगा फहराने से हुई।
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थल सेना द्वारा 21 तोपों की सलामी दी गई और भारतीय वायुसेना बैंड, जिसमें अग्निवीर के संगीतकार भी शामिल थे, ने राष्ट्रीय गान प्रस्तुत किया।
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पारंपरिक परिधानों में 1,500 से अधिक लोग विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की सांस्कृतिक विविधता का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।
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लगभग 1,000 राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के विजेता, जिनमें ऑपरेशन सिंदूर पर निबंध लेखन और “नया भारत, सशक्त भारत” पर पेंटिंग शामिल थी, आमंत्रित थे।
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हर घर तिरंगा अभियान के तहत एक बार फिर नागरिकों ने उत्साहपूर्वक अपने घरों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया, जिससे एकता और देशभक्ति की भावना पूरे देश में फैली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अब तक का सबसे लंबा भाषण
- 15 अगस्त, 2025 को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक लाल किले से 103 मिनट का स्वतंत्रता दिवस भाषण देकर इतिहास रच दिया, जो अब तक किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा दिया गया सबसे लंबा भाषण था।
- इस भाषण ने उनके वर्ष 2024 के 98 मिनट के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया। मोदी से पहले, स्वतंत्रता दिवस पर सबसे लंबे भाषणों का रिकॉर्ड 1947 में जवाहरलाल नेहरू (72 मिनट) और 1997 में इंद्र कुमार गुजराल (71 मिनट) के नाम था।
सबसे छोटे भाषण
- इसके विपरीत, स्वतंत्रता दिवस पर सबसे छोटे भाषणों में से कुछ प्रमुख नेताओं जैसे स्वयं नेहरू (1954 में 14 मिनट) और इंदिरा गाँधी (1966 में 14 मिनट) के थे।
- 2012 और 2013 में डॉ. मनमोहन सिंह के भाषण भी अपेक्षाकृत संक्षिप्त थे, जो क्रमशः 32 और 35 मिनट तक चले थे। इसी तरह, अटल बिहारी वाजपेयी ने 2002 और 2003 में क्रमशः 25 मिनट और 30 मिनट के भाषण दिए।
सर्वाधिक भाषण में पीएम मोदी दूसरे स्थान पर
- 2025 का भाषण मोदी का लगातार 12वाँ स्वतंत्रता दिवस संबोधन है, जो उन्हें भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, जिन्होंने लगातार 17 भाषण दिए थे, के बाद दूसरे स्थान पर रखता है। पीएम मोदी ने लगातार 11वीं बार भाषण देने के इंदिरा गाँधी के रिकॉर्ड को तोड़ा है।
वैज्ञानिक उपलब्धि: सागर की गहराइयों में तिरंगा
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स्वतंत्रता दिवस से पहले, दो भारतीय अक्वानॉट्स ने समुद्रयान मिशन (Deep Ocean Mission) के तहत अटलांटिक महासागर में समुद्र तल में 5,000 मीटर से अधिक गहराई तक गोता लगाया।
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उन्होंने समुद्र तल पर भारतीय तिरंगा फहराकर एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की और 2025 के स्वतंत्रता दिवस समारोह में गौरव का एक नया अध्याय जोड़ा।
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यह मिशन राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान (NIOT) और फ्रांस के सहयोग से पूरा किया गया।
- यह उपलब्धि देश की बढ़ती वैज्ञानिक क्षमताओं और महासागर अनुसंधान के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
14 अगस्त - विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस
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प्रतिवर्ष 14 अगस्त 2025 को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया जाता है। यह दिन 1947 में भारत के विभाजन के दौरान पीड़ितों और उनके द्वारा सही गयी पीड़ा की याद में मनाया जाता है। इस दिन, भारत उन सभी को श्रद्धांजलि अर्पित करता है जिन्होंने 1947 के विभाजन के दौरान अपने प्राण न्योछावर किया और अकल्पनीय पीड़ा सहन की।
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वर्ष 2021 में, भारत सरकार ने यह निर्णय लिया था कि प्रतिवर्ष 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाएगा, ताकि 1947 के बलिदानों और संघर्षों को कभी भुलाया न जा सके।
लाल किले का ऐतिहासिक महत्व
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15 अगस्त 1947 को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने इंडिया गेट के पास प्रिंसेस पार्क में राष्ट्रीय ध्वज “तिरंगा” फहराया। इसके बाद 16 अगस्त 1947 को उन्होंने लाल किले से अपना ऐतिहासिक भाषण “Tryst with Destiny” दिया।
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मुग़ल काल में, अकबर ने अपनी राजधानी आगरा स्थानांतरित कर दी थी, लेकिन शाहजहाँ के शासनकाल में 1648 में दिल्ली को पुनः राजधानी बनाया गया और शाहजहानाबाद की स्थापना हुई, जिसे आज पुरानी दिल्ली कहा जाता है।
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लाल किले की नींव शाहजहाँ ने रखी थी। 1911 में ब्रिटिशों ने अपनी राजधानी दिल्ली स्थानांतरित की और एक नए शहर का निर्माण किया, जो भारतीय भावनाओं और केंद्रीकृत सत्ता का प्रतीक बना।
- लाल किला मुगल वास्तुकला का अद्भुत नमूना है और उनकी सांस्कृतिक एवं कलात्मक उपलब्धियों का प्रतीक है। इसे 2007 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया। इसके अतिरिक्त, लाल किला नई 500-रुपये की नोट की पिछली ओर भी अंकित है।